योग। मानसिक स्वास्थ्य की बढ़ती समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को दिनचर्या में योगासनों को शामिल करने की सलाह देते हैं। योगासनों के अभ्यास की आदत मानसिक स्वास्थ्य विकारों को कम करने के साथ नकारात्मकता को दूर करने और चिंता-तनाव जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करने वाला माना जाता है।
योग विशेषज्ञ, प्राणायाम के अभ्यास की आदत बनाकर मन को शांत रखने और चिंता-तनाव जैसे विकारों के जोखिम को कम करने में विशेष लाभ पाया जा सकता है। प्राणायाम तंत्रिका तंत्र को आराम देने के साथ हार्मोन्स के रिलीज को व्यवस्थित करने और तमाम प्रकार के विकारों के जोखिम को कम करने में कारगर हो सकते हैं।
अनुलोम विलोम प्राणायाम:-
मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं में अनुलोम-विलोम प्राणायाम के नियमित अभ्यास को विशेष लाभकारी माना जाता है। वैकल्पिक रूप से गहरी सांस लेने वाले इस योगाभ्यास के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में कई प्रकार के लाभ हैं। योग विशेषज्ञ कहते हैं, इस प्राणायाम के अभ्यास की आदत धैर्य और ध्यान को बेहतर बनाए रखने के साथ तनाव और चिंता से राहत दिलाने वाला माना जाता है। अध्ययनों में पाया गया है कि मस्तिष्क, श्वसन और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में भी अनुलोम-विलोम का अभ्यास लाभकारी है। रक्तचाप को कम करने में भी इस प्राणायाम के विशेष लाभ माने जाते हैं।
भस्त्रिका प्राणायाम:-
चिंता-तनाव, अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने में भस्त्रिका प्राणायाम के अभ्यास को भी विशेषज्ञों ने प्रभावी पाया है। इस प्राणायाम के अभ्यास की आदत ब्रेन ऑक्सीजनेशन के लिए अच्छा माना जाता है। यह तंत्रिका और मोटर प्रणाली को लाभ पहुंचाने, शरीर और दिमाग को ऊर्जा देने के साथ अवसाद और चिंता विकार के लक्षणों को कम करने में भी आपके लिए विशेष लाभकारी है। भस्त्रिका प्राणायाम को याददाश्त सुधार करने के लिए भी प्रभावी अभ्यास के तौर पर जाना जाता है।
कपालभाति प्राणायाम:-
कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य के साथ पाचन अंगों की सेहत में भी सुधार करने में सहायक है। कपालभाति प्राणायाम आपकी नसों को सक्रिय करने, मानसिक शक्ति पर नियंत्रण प्राप्त करने, बालों का विकास को बढ़ावा देने और आपकी त्वचा को डिटॉक्सीफाई करने में आपकी मदद करता है। मन को शांत और नकारात्मक विकारों से दूर रखने में भी इस प्राणायाम के लाभ हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि किडनी और लिवर की समस्याओं के जोखिम को कम करने में भी इस योग का अभ्यास किया जाना फायदेमंद है।