मोरबी। गुजरात के मोरबी में क्षमता से पांच गुना अधिक लोगों के चढ़ने और सेल्फी लेने की होड़ में मच्छु नदी पर बना ऐतिहासिक झूलता पुल टूट गया और 132 लोगों की मौत हो गई। पुल की क्षमता 100 लोगों की थी, मगर प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दुर्घटना के वक्त करीब 500 लोग थे। मृतकों में 50 महिलाएं व बच्चे हैं।
मोरबी पुल हादसे में अब तक 132 लोगों के मरने की खबर है। करीब 177 लोगों को बचा लिया गया है और 19 लोगों का इलाज चल रहा है। सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड तलाशी व बचाव अभियान चला रही है। पीएम मोदी गुजरात और राजस्थान के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने मोरबी पुल हादसे के मद्देनजर आज अहमदाबाद में होने वाले अपने रोड शो को रद्द करने का फैसला किया है।
रविवार की देर शाम गुजरात भाजपा मीडिया सेल ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी की वर्चुअल उपस्थिति में होने वाला पेज कमेटी स्नेह मिलन कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया है। साथ ही गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल हादसे के बाद मोरबी सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां मोरबी ब्रिज गिरने से घायल हुए मरीजों को भर्ती कराया गया है।
एनडीआरएफ की तीन टीमें व सेना के तीनों अंग बचाव में जुटे:-
पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया के अनुसार 60 के करीब लापता और 30 घायल हैं। 17 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक संख्या बढ़ भी सकती है। एनडीआरएफ की तीन टीमें व सेना के तीनों अंग बचाव में जुटे हैं। वायु सेना का विमान गरुड़ मदद के लिए पहुंच गया। प्रदेश सरकार ने हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है।
अधिकारियों ने बताया, पानी के अंदर कीचड़ में धंसे शवों को निकालने के लिए पम्पों से पानी हटाया जा रहा है। अस्पताल तक लोगों को पहुंचाने के लिए लोगों ने मानव शृंखला बनाकर भीड़ को दूर रखा। इससे एंबुलेंस व बचाव दलों की निर्बाध आवाजाही हो पाई। प्रदेश के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि पुल 6 महीने से बंद था। मरम्मत होने के बाद इसे 26 अक्टूबर को फिर से खोला गया था।
एक अधिकारी ने बताया कि 177 लोग नदी से निकाले गए हैं। बचाव के लिए नावों का उपयोग किया जा रहा है। अब भी नदी में करीब 40 से 50 लोग फंसे हैं। उन्हें निकालने की कोशिश जारी है। मोरबी का यह केबल सस्पेंशन पुल 140 साल से भी ज्यादा पुराना है। लंबाई करीब 765 फुट है। ब्रिज का उद्घाटन 1879 में मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। तब इसकी लागत 3.5 लाख रुपये थी। पुल बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही आया था।
हादसे को लेकर सीएम ने समीक्षा बैठक:-
गुजरात के सीएम ने ट्वीट किया कि मोरबी जिला कलेक्टर कार्यालय में राज्य मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, प्रशासनिक व्यवस्था, पुलिस व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई और दुर्घटना की स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई और आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया।