यात्रा। मध्य प्रदेश पर्यटन के लिहाज से काफी प्रसिद्ध है। यह संस्कृति, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों वाला खूबसूरत राज्य है। अगर आपको लजीज खाना और प्रकृति की खूबसूरती का लुत्फ उठाना है तो सर्दियों के मौसम में ट्रिप के लिए मध्य प्रदेश जा सकते हैं। एमपी में कुछ ऐसे शहर हैं, जो सर्दियों में घूमने के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। कम पैसों में मजेदार सफर के लिए दिसंबर के महीने में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जा सकते हैं।
छिंदवाड़ा कुदरत की हसीन वादियों के बीच बसा शहर है। इस शहर में प्रवेश लेते ही समृद्ध स्थानीय संस्कृति की खुशबू महसूस कर सकते हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस शहर में हर साल कॉर्न फेस्टिवल का आयोजन होता है। साथ ही नवंबर से जनवरी तक पातालकोट के सतेड़ में रोमांचकारी खेल उत्सव का आयोजन किया जाता है।
छिंदवाड़ा के पर्यटन स्थल:-
पातालकोट:-
छिंदवाड़ा जिले में पातालकोट बेहद सुंदर स्थान है। एक घाटी में 1200 फीट की गहराई में स्थित होने के कारण इसे पातालकोट नाम दिया गया। यहां नीचे घाटी के शीर्ष पर बैठकर देखने पर घोड़े की नाल की आकृति दिखती है। लोग इसे पाताल में प्रवेश का मार्ग मानते हैं। इस स्थान से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी है। कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने के लिए राजकुमार मेघनाथ इसी स्थान से पाताल लोक गए थे।
देवगढ़ किला:-
छिंदवाड़ा से 24 मील दक्षिण में एक ऐतिहासिक किला भी है, जिसे देवगढ़ का किला कहा जाता है। एक पहाड़ी पर स्थित यह किला घने आरक्षित वन से ढकी गहरी घाटी के बीच है। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह जगह गोंड साम्राज्य की राजधानी थी। इस किले का निर्माण गोंड के राजा जाटव ने कराया था। इस किले की वास्तुकला मुगल शैली से प्रभावित है। काफी विशाल देवगढ़ किले की खूबसूरत इमारतें पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती हैं।
अनहोनी गांव:-
छिंदवाड़ा जिले के तामिया तहसील में कुदरत का एक अद्भुत करिश्मा देखने को मिलता है। यहां स्थित अनहोनी गांव अपने नाम की तरह ही अलग है। यहां गर्म पानी का कुंड है, जो साल भर उबलता रहता है। स्थानीय लोग इसे देवी का रूप मानते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, मंदिर के नीचे प्रचुर मात्रा में गंधक मौजूद है, जो पानी को गर्म रखता है। मान्यता है कि यहां का गरम पानी चर्म रोग ठीक करता है।
पेंच राष्ट्रीय उद्यान:-
यहां सतपुड़ा की पहाड़ियों के निचले दक्षिणी इलाके में पेंच राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। इस पार्क का नाम पेंच नदी पर रखा गया है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है। यहां की प्राकृतिक संपदा, समृद्धि की तारीफ इस जगह को घूमने वाला हर शख्स करता है। पेंच टाइगर रिजर्व के बारे में प्रसिद्ध ‘द जंगल बुक’ में वर्णन है।