हेल्थ। डायबिटीज बदलती जीवनशैली और अनहेल्दी डाइट की वजह से डायबिटीज तेजी से सामने आ रही है। आजकल कम उम्र के बच्चे भी इससे ग्रसित हो रहे हैं। डायबिटीज की बीमारी कई बार आनुवांशिक कारणों की वजह से भी हो जाती है। डायबिटीज के पेशेंट को पूरी उम्र नियमों के साथ ही चलना पड़ता है। थोड़ी सी लापरवाही से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
जब पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है तो इससे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है इसी स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इन्सुलिन हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से पाचन ग्रंथि में बनता है। इंसुलिन का काम हमारे द्वारा खाए गए भोजन से ऊर्जा बनाना है। इसलिए जरूरी हो जाता है कि डायबिटीज के मरीज ऐसी चीजों को खाएं जिससे कम इंसुलिन में भोजन से ऊर्जा शरीर को मिल सके।
डायबिटीज के कुछ मामलों में रोगी का शरीर इंसुलिन की उत्पादन क्षमता पूरी तरह से खो देता है। ऐसे केस में रोगी को इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं। यदि डायबिटीज का समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह हृदय रोग, किडनी रोग, मस्तिष्क रोग के साथ साथ सुनने और देखने संबंधी बीमारियों को बढ़ा सकती है। वर्तमान में डायबिटीज के कुल तीन प्रकार है।
- टाइप 1 डायबिटीज
- टाइप 2 डायबिटीज
- गर्भकालीन डायबिटीज
विशेषज्ञों के मुताबिक करीब डायबिटीज के 90 प्रतिशत मामले टाइप 2 डायबिटीज के होते हैं और इनमें इंसुलिन की कमी होती है। टाइप 2 डायबिटीज रोगियों को इंसुलिन की आवश्यकता बहुत कम होती है लेकिन कई बार टाइप 2 के मरीजों को भी इंसुलिन देना पड़ता है। हालांकि कुछ ऐसे तरीके हैं जिन्हें अपनाकर टाइप 1 डायबिटीज के मरीज इंसुलिन के इंजेक्शन लेने से बच सकते हैं।
जीवनशैली में करें बदलाव – टाइप 2 डायबिटीज वाले लोग अपनी जीवनशैली में बदलाव करके डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं। अगर आप दवा ले रहे हैं तो भी आप एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपना सकते हैं।
संतुलित आहार – डायबिटीज रोगियों को अपने आहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। उन्हें ऐसे भोजन का सेवन करना चाहिए जिसमें शुगर की मात्रा तो कम होने के साथ विटामिन्स, खनिज समेत पोषक तत्व भरपूर हों।
व्यायाम – योग और व्यायाम के माध्यम से भी डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। मधुमेह के रोगियों को सप्ताह में करीब 5 दिन कम से कम 30 मिनट तक एरोबिक व्यायाम करना चाहिए।
वजन कम – अगर आपका वजन अधिक है तो डायबिटीज होने की संभावना भी अधिक हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने खानपान और व्यायाम का ऐसा रूटीन बनाएं जिससे वजन कम हो।
पर्याप्त नींद – अच्छी हेल्थ के लिए हर किसी को प्रतिदिन 7-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। रात में देर तक जगने और नींद पूरी न होने से भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान का न करें सेवन – टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए, तम्बाकू से बचना भी महत्वपूर्ण है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो आपका डॉक्टर आपको छोड़ने में मदद करने के लिए संसाधनों की सिफारिश कर सकता है।