लाइफ स्टाइल। हमेशा यह कहा जाता है कि जीवन में आशावादी होना बहुत जरूरी है। पॉजिटिव सोच हमें बुरे वक्त में बेहतर करने के लिए मोटिवेट करती है और हम अपने भविष्य के लिए बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जरूरत से अधिक आशावादी होना भी कई बार हमारे खुद के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसका नाम दिया गया है ‘टॉक्सिक पॉजिटिविटी’। जीवन में कई ऐसे हालात आते हैं जब हम अंदर से काफी आहत होते हैं और अंदर ही अंदर हजारों भावनाओं का तूफान चलता रहता है। हम इस डर से अपनों से बात नहीं कर पाते कि लोग आपको आशावादी होने का ज्ञान देना शुरू कर देंगे।
लेकिन कई बार आपका चुप रह जाना या निगेटिव इमोशन्स को इग्नोर करना अंदर ही अंदर आपके लिए कई परेशानियां खड़ी कर सकता है। ऐसे हालात में सकारात्मकता आपकी सेहत के लिए टॉक्सिक साबित हो सकती है। कुछ ऐसे हालात होते हैं जिन्हें केवल शेयर कर इंसान बेहतर महसूस कर सकता है। आइए जानते हैं कि टॉक्सिक पॉजिटिविटी से किस तरह आप खुद को बचा सकते हैं-
अपनी सोच पर दें ध्यान:-
अगर आप किसी बात को लेकर परेशान हैं या आप स्ट्रेस में हैं तो सबसे पहले आत्ममंथन करें। यह सोचें कि कहीं आप बेवजह निगेटिव तो नहीं सोच रहे? कई बार हम खुद को या दूसरों को कंसोल करने के लिए जबरदस्ती पॉजिटिव सोचने के लिए मजबूर करने लगते हैं। जिसकी वजह से कई बार सकारात्मक सोच टॉक्सिक हो जाती है और हम अंदर ही अंदर अपनी भावनाओं को दबाने लगते हैं। ऐसा ना करें।
टॉक्सिक पॉजिटिविटी को पहचानें:-
कई बार दोस्त और परिवार के लोग बुरे वक्त में आपको पॉजिटिव महसूस कराने के लिए प्रचंड आशावादी बातें बोलने लगते हैं। लेकिन ऐसी बातें आपको गिल्टी और शर्मिदगी महसूस कराती हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि उनका भरोसा आपके अंदर की दुनिया पर बुरा प्रभाव तो नहीं डाल रहा। ऐसे लोगों के साथ बेहतर होगा कि आप इन विषयों पर उनसे बात ही ना करें।
खुद की भावनाओं को समझें सामान्य:-
हर किसी के जीवन में कठिन दौर आता है और सभी अपने-अपने तरीके से इन्हें डील करते हैं। लेकिन अगर खुद की परेशानियों और नकारात्मक भावनाओं को स्वीकार नहीं कर रहे हैं तो ये आपको और भी नुकसान कर सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि अपनी ऐसी भावनाओं पर शर्मिंदगी महसूस करने के बजाय इन्हें नॉर्मल समझें और स्वीकारें।
सोशल मीडिया से लें ब्रेक:-
अगर आप किसी कठिन स्थिति में हैं तो बेहतर होगा कि आप सोशल मीडिया से ब्रेक लें। ऐसा करने से आप टॉक्सिक पॉजिटिविटी से काफी हद तक बच सकते हैं। आप उन दोस्तों या अकाउंट को ब्लॉक या अनफॉलो कर दें जिनकी वजह से आप पॉजिटिविटी के नाम पर और भी स्ट्रेस में आ रहे हैं। अगर आप खुद को टॉक्सिक पॉजिटिविटी से दूर रखेंगे तो इससे आपका रिलेशनशिप भी बेहतर होगा और आप बेहतर तरीके से अपने लाइफ को हैंडल कर सकेंगे।