जम्मू कश्मीर। बुधवार को एलजी मनोज सिन्हा ने स्कास्ट-जम्मू में उत्तर पश्चिमी हिमालय के भौगोलिक संकेत पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ट्रेडमार्क की इस सबसे पुरानी श्रेणी पर सभी हितधारकों को संवेदनशील बनाना, संभावित उत्पादों की पहचान करना और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने के लिए भविष्य की रणनीति तैयार करना है।
इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए एलती मनोज सिन्हा ने कहा कि, जीआई ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक गेम चेंजर हो सकता है। और जम्मू-कश्मीर कृषि और हस्तशिल्प क्षेत्रों के लिए जीआई के उपयोग में अग्रणी होगा। स्थान और लोगों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध को मजबूत करते हुए जीआई में ग्रामीण क्षेत्रों को व्यापक लाभ देने की भी क्षमता है।
एलजी सिन्हा ने कहा कि, स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने और उत्पादकों के लिए अधिक आय उत्पन्न करने के अलावा, जीआई स्वदेशी ज्ञान के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह विशेष भौगोलिक क्षेत्र को आला बाजार उत्पादों का उत्पादन और बनाए रखने में मदद करेगा।
उन्होने कहा कि चूंकि जीआई उत्पादों की उत्पत्ति और गुणवत्ता को दर्शाता है, इसलिए हमारा उद्देश्य प्रभावी ब्रांड और मार्केटिंग रणनीति के माध्यम से वैश्विक बाजार में स्थानीय ब्रांड स्थापित करना है। उत्पादकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए अन्य तंत्र भी विकसित किए जा रहे हैं।