स्वास्थ्य। जब हमारे ब्रेन के किसी हिस्से में खून की सप्लाई रुक जाती है, तब स्ट्रोक की कंडीशन पैदा हो जाती है। खून की सप्लाई न होने से ब्रेन की ब्लड वेसल्स फट जाती है और दिमाग का कुछ हिस्सा डैमेज हो जाता है। इसे ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन अटैक भी कहा जाता है। करीब 60 प्रतिशत मामलों में स्ट्रोक की वजह से लोगों के शरीर का आधा हिस्सा लकवाग्रस्त हो जाता है। सही समय पर इलाज न मिले, तो स्ट्रोक से व्यक्ति की मौत हो जाती है। स्ट्रोक एक सीरियस कंडीशन है, जिसका कनेक्शन ब्लड ग्रुप से भी होता है। एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि कुछ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को 60 की उम्र से पहले स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है, जबकि कुछ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को खतरा कम होता है। आइए जानते हैं कि ब्लड ग्रुप से स्ट्रोक का क्या कनेक्शन है-
A ब्लड ग्रुप वालों को स्ट्रोक का खतरा ज्यादा:-
अमेरिका में की गई एक स्टडी में पता चला है कि A ब्लड ग्रुप वाले लोगों को 60 की उम्र से पहले स्ट्रोक आने का खतरा अन्य लोगों की अपेक्षा 18 फीसदी ज्यादा होता है। अगर सबसे कम खतरे वाले ब्लड ग्रुप की बात करें, तो O ब्लड टाइप वाले लोगों को 60 की उम्र से पहले स्ट्रोक का खतरा अन्य सभी की अपेक्षा 12 फीसदी कम होता है। A ब्लड ग्रुप वालों को सबसे ज्यादा और O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को स्ट्रोक का सबसे कम खतरा होता है। इसकी वजह अलग-अलग ब्लड ग्रुप में बनने वाले खून के थक्के होते हैं। हालांकि शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि लाइफस्टाइल, खान-पान और कुछ बातों को ध्यान में रखकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने बताई वजह:-
यह स्टडी अमेरिका के बाल्टीमोर की यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के शोधकर्ताओं ने की थी। इसमें 5.70 लाख हेल्दी लोगों को शामिल किया गया था, जबकि स्ट्रोक का सामना कर चुके 17 हजार लोगों को शामिल किया गया था। 48 स्टडी के मेटा एनालिसिस के बाद रिसर्चर्स ने स्ट्रोक को लेकर कई खुलासे किए हैं। इस स्टडी के लीड ऑथर ब्रेक्सटन मिशेल का कहना है कि A ब्लड ग्रुप वाले लोगों को ब्लड क्लॉटिंग का खतरा ज्यादा होता है, जिसकी वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि इस स्टडी से ब्लड टाइप और स्ट्रोक का सीधा लिंक साबित नहीं हो सका है। अलग-अलग नस्ल और एथनिक ग्रुप के लोगों के लिए चीजें अलग हो सकती हैं। इस बारे में अभी ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक साल 2020 में दुनियाभर में 35 लाख लोग स्ट्रोक की चपेट में आ गए। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जानकारों की मानें तो लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव कर स्ट्रोक के ओवरऑल रिस्क को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हर दिन एक्सरसाइज करने और हेल्दी डाइट लेने से स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है। इससे बचने के लिए लोगों को स्मोकिंग छोड़ देनी चाहिए। समय-समय पर अपना चेकअप कराना चाहिए, ताकि वक्त रहते जरूरी कदम उठाए जा सकें।