हेल्थ। भारत में किडनी स्टोन की समस्या काफी सामान्य है। 25-45 वर्ष के आयु वालों में यह दिक्कत सबसे अधिक देखने को मिलती रही है। अध्ययनों में पाया गया कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में इसका खतरा तीन गुना अधिक होता है। भारत में हर साल लगभग 5 से 7 मिलियन लोग इस समस्या से पीड़ित होते हैं। किडनी के भीतर खनिजों और लवणों से बने क्रिस्टल के जमा होने की स्थिति किडनी स्टोन का कारण बनती है। यह स्थिति गंभीर दर्द का कारण बन सकती है। कुछ लोगों को पेशाब की भी समस्या बनी रहती है। समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर स्टोन्स को निकालने के उपचार कराने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, कम पानी पीने, आहार में गड़बड़ी, किडनी स्टोन की फैमिली हिस्ट्री या अधिक नमक-चीनी का सेवन करने वालों में किडनी में स्टोन बनने की दिक्कत अधिक होती रहती है। डॉक्टर्स बताते हैं कि अगर आहार पर ध्यान देने के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें तो इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।
तो आइए जानते हैं कि किन लक्षणों के आधार पर इस समस्या की पहचान की जा सकती है और इससे बचाव-उपचार के लिए क्या उपाय करें?
किडनी स्टोन के प्रारंभिक लक्षण :-
डॉक्टर्स के मुताबिक, किडनी में स्टोन बनने की समस्या काफी दर्दकारक हो सकती है। समय रहते इसके लक्षणों पर ध्यान देकर पथरी को बढ़ने से रोका जा सकता है। आइए जानें किडनी स्टोन प्रारंभिक लक्षण…
- पीठ के निचले हिस्से या पेट के एक हिस्से में दर्द महसूस होना।
- दर्द के साथ मतली या उल्टी होना।
- पेशाब से खून आना या पेशाब के दौरान दर्द होना।
- पेशाब करने में असमर्थ होना।
- अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होना।
- बुखार या ठंड लगना।
- पेशाब से बदबू या झाग दिखना।
विशेषज्ञ का मत :-
विशेषज्ञो का कहना है कि किडनी स्टोन की समस्या किसी को भी हो सकती है। एक बार उपचार के बाद फिर से इसके होने का जोखिम रहता है, इसलिए बचाव के उपायों का हमेशा ध्यान रखा जाना चाहिए। शुरुआत में आमतौर पर इसके कोई लक्षण नहीं दिखते हैं जब तक कि पथरी बढ़ती नहीं है। कई बार यह मूत्र प्रणाली में फंस सकती है जिसमें तेज दर्द महसूस होता है। किडनी स्टोन की स्थिति में आमतौर पर पेट या पीठ के एक तरफ दर्द बना रहता है। समय रहते इसकी पहचान कर इलाज कराना जरूरी होता है।
विशेषज्ञ बताते है कि किडनी स्टोन का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि पथरी कितनी बड़ी है और कितनी संख्या में है। कुछ लोगों को पथरी को बाहर निकालने के लिए ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है जिससे पेशाब के माध्यम से छोटी पथरी निकल जाती है, हालांकि आकार बढ़ने पर सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। साइट्रिक फलों के अधिक सेवन, पानी पीते रहने, मैग्नीशियम वाली चीजों के अधिक सेवन से भी इसमें लाभ मिल जाता है।
किडनी स्टोन होने से बचाव :-
डॉक्टर कहते हैं, कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखकर किडनी में पथरी बनने की समस्या से बचाव किया जा सकता है। शरीर को हाइड्रेटेड रखने, संतुलित आहार और पर्याप्त कैल्शियम का सेवन करने, फल और सब्जियों का अधिक सेवन करके इस समस्या से बचा जा सकता है। किडनी में पथरी से बचाव के लिए पालक को अच्छी तरह से धोकर और पकाकर खाने की सलाह दी जाती है। पानी की स्वच्छता पर भी ध्यान रखना आवश्यक होता है।