तिल का सेवन पाचन के साथ कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स में है फायेदमंद

हेल्‍थ। तिल के छोटे बीज, सेहत के लिए कई प्रकार से विशेष लाभकारी होता हैं। अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक तिल के सेवन से कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। सेहत के साथ-साथ तिल का देश में सांस्कृतिक महत्व भी है। मकर संक्राति के पर्व पर तिल-गुड़ और खिचड़ी का दान किया जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते है कि ठंड के इस मौसम में शरीर को अंदरूनी गर्मी प्रदान करने के लिए भी तिल के सेवन करना चाहिए। यही कारण है कि तिल और गुड़ से बने लड्डू भी इस मौसम में खाने की परंपरा रही है।
तिल के बीज के कई संभावित स्वास्थ्य लाभ हैं। इसे हजारों वर्षों से लोक चिकित्सा में भी उपयोग किया जाता रहा है। हृदय रोग, मधुमेह और गठिया जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करने के साथ तिल को पाचन स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी पाया गया है। तो आइए इसके सेवन से होने वाले फायदों के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

फाइबर की मात्रा पाचन के लिए लाभकारी :-
तिल को फाइबर का उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है। तीन बड़े चम्मच तिल से करीब 3.5 ग्राम फाइबर प्राप्त किया जा सकता है। तिल के बीज के नियमित रूप से सेवन से शरीर में फाइबर की मात्रा बढ़ती है, जिसे पाचन स्वास्थ्य में विशेष लाभ मिलता है। फाइबर आपको हृदय रोग, कुछ प्रकार के कैंसर, मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम से बचाने में भी विशेष लाभकारी माना जाता है।

कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स में फायेदमंद :-
अध्‍ययनों के मुताबिक, नियमित रूप से तिल खाने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। ये हृदय रोग के प्रमुख जोखिम कारक हैं। तिल के बीज में 15% सेचुरेटेड फैट, 41% पॉलीअनसेचुरेटेड वसा और 39% मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है। अध्ययन बताते हैं कि पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैट वाली चीजों के अधिक सेवन से कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय रोगों से बचाव किया जा सकता है।

डायबिटीज रोग में फायदेमंद :-
ब्लड शुगर की समस्या को कम करके, डायबिटीज की अन्य जटिलताओं से बचाने में भी तिल का सेवन करना लाभकारी होता है। तिल के बीज में कार्ब्स की मात्रा कम होती है और इसे प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर पाया गया है, जो डायबिटीज में फायदेमंद हो सकता है। इसके अतिरिक्त इन बीजों में पिनोरेसिनॉल नामक एक यौगिक होता है जो पाचन एंजाइम माल्टेस की क्रिया को बाधित करके रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है।

इम्युनिटी बूस्‍ट करने में सहायक :-
तिल के बीज प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। इसमें जिंक, सेलेनियम, कॉपर, आयरन, विटामिन-बी 6 और विटामिन ई की मात्रा होती है। ये पोषक तत्व इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में लाभकारी माने जाते हैं। इसमें मौजूद जिंक, सफेद रक्त कोशिकाओं में वृद्धि करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने में सहायक है।

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