लखनऊ। केंद्रीय बजट में इस बार उत्तर प्रदेश के हिस्से तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि आने की उम्मीद है। यह उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव से पहले सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी भी ज्यादा होनी चाहिए। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), अनुदान और कर्ज व एडवांस के रूप में यह राशि मिलने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी।
केंद्र सरकार से मिले धन के वास्तविक आंकड़े 2020-21 तक के ही उपलब्ध हैं। वित्त वर्ष 2020-21 में उत्तर प्रदेश के हिस्से 1,72,614 करोड़ रुपये आए थे। इसमें केंद्रीय करों में राज्य के अंश के तौर पर 1,06,687 करोड़, सहायता अनुदान के 57,746 करोड़ और केंद्र से कर्ज व अग्रिम के रूप में 8181 करोड़ रुपये मिले।
चालू वित्त वर्ष में 2.58 लाख करोड़ का अनुमान :-
वित्त वर्ष 2021-22 और 22-23 में केंद्र से मिले धन के अनुमानित आंकड़े ही उपलब्ध हैं। इनके मुताबिक, 2021-22 के लिए करीब 2,14,581 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। इसमें केंद्रीय करों में राज्य के अंश के रूप में 1,14,894 करोड़, सहायता अनुदान के रूप में 87,963 करोड़ और कर्ज व अग्रिम के रूप में 11,723 करोड़ शामिल हैं। जबकि 2022-23 में इन्हीं मदों में 2,57,651 करोड़ की प्राप्ति अनुमानित है। यह 2021-22 के अनुमान से 20 प्रतिशत अधिक है।