वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर के गंगा द्वार पर जल्द ही तीन जेटी लगाई जाएगी। इससे बाहर से आने वाले भक्तों और पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। G-20 की तैयारियों के मद्देनजर गंगा घाटों को सजाने संवारने का काम जल्द शुरू होगा। अस्सी और रविदास घाट भी जेटी लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पीरामल ग्रुप से मिली तीन जेटी नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी को दे दी गई है।
भविष्य में गंगा में चलने वाली सोलर टैक्सी के लिए जेटी का इस्तेमाल होगा। इससे बाहर से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। जल परिहवन में भी इस जेटी का इस्तेमाल करने की योजना है। गंगा घाटों पर उमड़ने वाली भीड़ के दौरान जेटी के किनारे नावों को लगाने की व्यवस्था रहेगी, ताकि एक साथ कई लोग नाव से उतर सके। नगर निगम के मुख्य अभियंता मोइनुद्दीन ने कहा कि गंगा घाटों को सजाने-संवारने का काम जल्द शुरू कराया जाएगा। जेटी लगने से सुंदरता भी बढ़ेगी और जल यातायात में भी सहूलियत होगी।
जिन घाटों पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं का अधिक दबाव है, वहां पर जेटी लगाई जाएगी। विश्वनाथ मंदिर के गंगा द्वार, अस्सी और रविदास घाट पर जेटी लगाने का प्रस्ताव है। निगम की ओर से उपकरण मिलते ही लगाने का काम शुरू होगा। पीरामल ग्रुप के अध्यक्ष अजय पीरामल फाउंडेशन ने नगर निगम को सीएसआर फंड के तहत तीन जेटी दी है। इसे जल्द ही गंगा नदी के घाटों पर लगाया जाएगा। बीते दिनों दिसंबर में एक पांच सितारा होटल में आयोजित कार्यक्रम में ग्रुप के अध्यक्ष अजय पीरामल ने नगर आयुक्त प्रणय सिंह को तीन जेटी लगाने का पत्र सौंपा था। नगर आयुक्त के अनुसार आवश्यकता एवं जनहित के दृष्टिगत घाटों का चयन करने के बाद जेटी की स्थापना की जाएगी।