रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल बंदरगाह आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस

वाराणसी। काशी के रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल बंदरगाह आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यहां प्रस्तावित व्यावसायिक गतिविधियों के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने 18 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर लिया है। यह टर्मिनल जल्द ही उत्तर-मध्य रेललाइन के डबल ट्रैक से जुड़ जाएगा।

जिवनाथपुर स्टेशन से बंदरगाह तक बिछाई जाने वाली आठ किलोमीटर लंबी रेललाइन पूर्वांचल के तीन जिलों से होकर गुजरेगी। इसमें वाराणसी के जाल्हूपुर, टेंगरा, चंदौली के ताहिरपुर, हमीरपुर, पटनवा और मिर्जापुर के बरईपुर व गोरखपुर गांव शामिल हैं। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण,  वाराणसी के निदेशक राकेश कुमार के अनुसार, जिवनाथपुर रेल स्टेशन से रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल तक रेलवे लाइन बिछाने संबंधी कार्य का सर्वे हो चुका है।

रेललाइन बिछाने के लिए मार्कर पत्थर गाड़े जा चुके हैं। बताया कि जल्दी ही रेललाइन बिछाने का कार्य शुरू हो जाएगा। जिवनाथपुर रेललाइन जुड़ने के बाद दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से चलने वाली मालगाड़ी जीवनाथपुर होते हुए सीधे मल्टीमॉडल टर्मिनल तक पहुंचेगी। मालगाड़ी से कंटेनर में भरे माल आसानी से बंदरगाह तक पहुंच सकेगा।

बंदरगाह के पास होगा फ्रेट विलेज :-

व्यवसायिक गतिविधियां तेज करने के लिए बंदरगाह के पास फ्रेट विलेज बनेगा। यहां माल स्टोरेज, सैंपलिंग और पैकिंग की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। फ्रेट विलेज व्यावसायिक गतिविधियों और प्रबंधन में मदद करेगा। इससे माल ढुलाई सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियां एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी।

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार वाराणसी और झारखंड के साहेबगंज में मल्टीमॉडल टर्मिनल का विकास पीपीपी मॉडल पर होगा। इसके लिए शुक्रवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निवेश प्रस्ताव पर चर्चा हुई। अधिकारियों के अनुसार बंदरगाह से पेशेवर लॉजिस्टिक्स उद्योग के विकास को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

कैंट स्टेशन यार्ड में ट्रेनों की बढेगी रफ्तार –

ट्रेनें अब यार्ड में नहीं पिटेंगी और रफ्तार भी कम नहीं होगी। मार्च माह के बाद यार्ड से कैंट रेलवे स्टेशन तक पहुंचने वाली ट्रेनों की गति 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक होगी। मौजूदा समय में 10 से 15 किमी की रफ्तार से ट्रेनें यार्ड में चलती हैं। रेल अधिकारियों के मुताबिक मार्च तक कैंट स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग का काम लगभग पूरा हो जाएगा। 500 करोड़ की लागत से उत्तर रेलवे के कैंट स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम चल रहा है। प्लेटफार्मों की लंबाई बढ़ाई जा रही है।

अब ज्यादा कोच वाली ट्रेनें भी पूरी तरह से प्लेटफार्म पर खड़ी हो जाएंगी। यात्रियों को उतरने और चढ़ने में परेशानी नहीं होगी। वर्तमान समय में कैंट रेलवे स्टेशन से रोजाना 112 ट्रेनें गुजरती हैं। करीब 67 हजार यात्रियों का आवागमन होता है। कैंट स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित ने कहा कि मार्च तक यार्ड रिमॉडलिंग का काम पूरा करने का लक्ष्य है।

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