नई दिल्ली। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज शनिवार को दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंचे। यहां राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। दोनों नेता आज समग्र वार्ता करेंगे, जिसमें यूक्रेन संघर्ष, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, स्वच्छ ऊर्जा, कारोबार और नई प्रौद्योगिकी के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों में तेजी लाने से जुड़े कदमों पर चर्चा होगी।
2021 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद यह ओलाफ शोल्ज की पहली भारत यात्रा है। वह ऐसे समय में भारत की यात्रा पर आए हैं, जब एक दिन पहले ही यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को एक साल पूरा हुआ है। भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था, “जर्मन चांसलर शोल्ज और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मुलाकात में हम रूस-यूक्रेन युद्ध को एजेंडे में बहुत ऊपर देखते हैं। यह एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।”
सूत्रों के मुताबिक, मोदी-शोल्ज वार्ता के एजेंडे में रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव, खास तौर पर खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा इस बातचीत में प्रमुखता से उठने की संभावना है। इसके अलावा कारोबार, रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और नयी प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है। दोनों नेताओं के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र में सम्पूर्ण स्थिति के बारे में भी चर्चा हो सकती है, जहां बीते कुछ वर्षो में चीन की आक्रामकता बढ़ी है।
गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शोल्ज के बीच 16 नवंबर को जी20 शिखर सम्मेलन से इतर इंडोनेशिया के बाली में द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। आधिकारिक कार्यक्रम के मुताबिक, शोल्ज 25 फरवरी को दिल्ली सुबह सवा नौ बजे पहुंचेंगे और 10 बजे राष्ट्रपति भवन में उन्हें सलामी गारद पेश किया जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शोल्ज के बीच वार्ता होगी।
दोपहर में शोल्ज राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। चांसलर शोल्ज का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट करने का भी कार्यक्रम है। रविवार की सुबह चांसलर शोल्ज बेंगलूरू के लिए रवाना होंगे। विदेश मंत्रालय ने जर्मन चांसलर की यात्रा की घोषणा करते हुए सोमवार को कहा था कि शोल्ज के साथ वरिष्ठ अधिकारी और उच्चाधिकार प्राप्त उद्यमी शिष्टमंडल भी होगा।