चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा ने गुरूवार को एक बार फिर सर्वसम्मति से ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को पारित कर दिया गया। राज्यपाल आरएन रवि ने इसे पुनर्विचार के लिए सरकार को वापस कर दिया था। विधेयक पेश करते हुए सीएम एम के स्टालिन ने कहा कि वह कई जिंदगियों के नुकसान को देखते हुए इसे री मन से पेश कर रहे हैं। मालूम हो कि ऑनलाइन जुए में पैसा गंवाने के बाद हाल में कई लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। कई सदस्यों ने बिल पर अपना समर्थन व्यक्त किया और इसे वापस करने के लिए राज्यपाल रवि का विरोध किया। अध्यक्ष एम अप्पावु ने बाद में घोषणा की कि बिल को सर्वसम्मति मिली थी।
इस बीच, विपक्ष के नेता के पलानीस्वामी और पार्टी के अन्य विधायकों ने विपक्ष के नेता ओ पन्नीरसेल्वम को इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति देने पर विपक्ष के नेता और के पलानीस्वामी और पार्टी के अन्य विधायकों द्वारा नेतृत्व के मुद्दे पर विपक्षी अन्नाद्रमुक में दरार दिखाई, जिससे हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।
इससे पहले, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि ऑनलाइन जुआ निषेध विधेयक 19 अक्टूबर, 2022 को विधानसभा में पारित किया गया था और 26 अक्टूबर, 2022 को राज्यपाल की सहमति के लिए भेजा गया था। 23 नवंबर, 2022 को राज्यपाल ने स्पष्टीकरण मांगा। इसके बाद स्पष्टीकरण दिया गया। हालांकि, 131 दिनों के बाद इसे 6 मार्च, 2023 को स्पष्टीकरण मांगते हुए वापस कर दिया गया था।
सीएम स्टालिन ने कहा कि इस विधेयक को फिर से राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। हमारे पास राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जिंदगियां ऑनलाइन जुआ में शामिल हैं। राज्य सरकार को लोगों की देखभाल करने का अधिकार है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने खुद संसद में कहा है कि राज्य सरकार को डीएमके सांसद एसआर पार्थीबव द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में ऑनलाइन जुए के खिलाफ कानून लाने का अधिकार है।