आसमान में बादलों को चीरती हुई चलती है ट्रेन, 16 घंटो में तय करती है 434 किलोमीटर का सफर

नई दिल्‍ली। आमतौर पर आपने ट्रेनो को ब्रिज से होकर गुजरते या किसी सुरंग को पार करते देखा होगा लेकिन दुनिया में एक ऐसी भी ट्रेन है जो बादलों को चीरती हुए चलती है। जी हां  अर्जेंटीना में चलने वाली इस ट्रेन को स्‍पैनिश में ‘tren a las nubes’ नाम दिया गया है, जिसका अर्थ होता है ‘बादलों की ट्रेन।’ यह गाड़ी ‘ट्रेन टू द क्लाउड्स’  नाम से ज्‍यादा मशहूर है। समुद्र तल से 4200 मीटर की ऊंचाई पर एंडीज पर्वत श्रृंखला में यह ट्रेन ऊंची पहाडियों से गुजरती है तो इसे बादल दोनों ओर से घेर लेते हैं। तब इसे देखने पर ऐसा लगता है, जैसे ट्रेन बादलों को चीरते हुए जा रही है। यह रेल लाइन दुनिया के सबसे ऊंचे रेल रूटों में से एक है। इस रेल रूट की शुरुआत अर्जेंटीना की सिटी ऑफ साल्टा से होती है। यह रेलमार्ग वैली डी लेर्मा से गुजरते हुए क्वेब्रेडा डेल टोरो से ला पोल्वोरिला वियाडक्ट लगभग 4200 मीटर की दूरी पर जाकर खत्म होता है। ट्रेन केवल 16 घंटे के सफर में 434 किमी की यात्रा करती है।

 

29 पुल, 21 सुरंगे भी करती है पार
दुनिया के पांचवे सबसे ऊंचे रेल रूट पर चलने वाली ट्रेन न केवल बादलों के बीच से चलती है बल्कि इस मार्ग में ट्रेन 29 पुल और 21 टनल को पार करती है। इस रेलमार्ग का निर्माण 1920 में हुआ था। हम आपको बता दें कि 27 साल की मेहनत के बाद ये रेल रूट 1948 में बन कर तैयार हुआ।  दुनिया भर से लाखों सैलानी हर साल इस रेल मार्ग का आनंद उठाने के लिए अर्जेंटीना आते हैं।

 

ट्रेन में हैं 7 डिब्‍बे
ट्रेन टू क्‍लाउड में डीजल लोकोमोटिव लगा हुआ है।  यह 7 डिब्‍बो वाली काफी रंग-बिरंगी ट्रेन है। इनमें 500 यात्री सफर कर सकते हैं।  साथ ही इस ट्रेन के साथ डाइनिंग कार और मेडिकल एड कोच भी जुड़े हैं। अब तक दो बार यह ट्रेन दुर्घटना का शिकार भी हो चुकी है। एक बार 2005 में 11,000 फीट की ऊंचाई पर जाकर खराब हो गई। तब यात्रियों को हैलीकॉप्‍टर की मदद से नीचे लाया गया। इसी तरह जुलाई 2014 जो यह 13,000 फीट ऊंचाई पर पटरी से उतर गई। जबकि  इस दुर्घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ।

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