नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के चार बार विधायक और स्पीकर रहे किरण कुमार रेड्डी ने बीजेपी का हाथ थाम लिया है। उन्होने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, मैं कांग्रेस के लिए कहना चाहूंगा कि कांग्रेस पार्टी लोगों के मत को नहीं समझ पा रही है। कांग्रेस पार्टी न तो विश्लेषण कर रही है कि गलती क्या है और न ही वे सही करना चाहते हैं। वह यही सोचते हैं कि मैं ही सही हूं और देश की जनता सहित बाकी सब गलत हैं. इसी विचारधारा कि वजह से मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है।
उन्होने यह भी कहा कि उनके लिए एक पुरानी कहानी है कि मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है। वह अपने आप नहीं सोचता और न ही किसी का सुझाव मानता है। आप सबको पता चल गया होगा कि मैं क्या कहना चाहता हूं। किरण कुमार रेड्डी संयुक्त आंध्र प्रदेश के आखिरी सीएम रहे हैं। उन्होने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कांग्रेस छोड़नी पड़ेगी। कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व यह नहीं समझ पा रहा है कि किस नेता को किस स्तर पर क्या जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। इसके कारण पार्टी के अनेक नेताओं में गहरा असंतोष है।
कांग्रेस राज्य दर राज्य पार्टी टूट रही
उन्होंने कहा कि उनका परिवार कई दशकों से कांग्रेस के प्रति समर्पित रहा है, लेकिन उनके जैसे नेताओं की उपेक्षा से पार्टी लगातार कमजोर हो रही है। किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि ‘कांग्रेस आलाकमान के गलत फैसलों की वजह से राज्य दर राज्य पार्टी टूट रही है। यह एक राज्य की बात नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का भविष्य इसी बात से समझा जाना चाहिए कि एक समय 400 से ज्यादा सीटें हासिल करने के बाद आज वह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है, जबकि एक समय केवल दो सीटों पर रहने वाली भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है।
पीएम मोदी लोगों को जोड़ रहे, कोई अपने लोगों को संभाल नहीं पा रहा
पीएम मोदी देश की सेवा में लगातार लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ कोई अपने लोगों को संभाल कर रख पाने में भी असमर्थ हो रहा है। वर्ष 2014 में जब तत्कालीन यूपीए सरकार ने आंध्र प्रदेश का बंटवारा कर उसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विभाजित करने का फैसला किया तो किरण कुमार रेड्डी ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। किरण रेड्डी ने विरोध स्वरूप कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपनी अलग पार्टी जय समैक्य आंध्र बनाई थी। जबकि वर्ष 2018 में वह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे।