भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 7 अप्रैल को एक बार फिर पूर्व सीएम कमलनाथ पर हमला बोला। उन्होंने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस शांति के टापू मध्य प्रदेश में दंगा फैलाने चाहती है। लेकिन, वह कांग्रेस के मंसूबे कभी पूरा नहीं होने देंगे। हांलाकि दो दिन पहले पीसीसी चीफ कमलनाथ का एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में कमलनाथ छिंदवाड़ा में रोजा इफ्तार कर रहे हैं। इस दौरान वह कह रहे हैं कि ‘आप छिंदवाड़ा संभालिए, मैं मध्य प्रदेश संभालता हूं। प्रदेश और देश के हालात ठीक नहीं हैं, किस तरीके से दंगे हो रहे हैं।’ इसी वीडियो के वजह से ही सीएम शिवराज सिंह चौहान अब कांग्रेस पर पूरी तरीके से हमलावर नजर आ रहे हैं। उन्होने कहा कि मध्य प्रदेश शांति का टापू है। रामनवमी और हनुमान जयंती पर शांति पूर्वक जुलूस निकाले गए। तथा कई शहरों में मुस्लिम समाज के लोगों ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत भी किया। इसके बाउजूद कमलनाथ कहते हैं कि प्रदेश में हालात ठीक नहीं हैं। कमलनाथ बताएं कि आखिर दंगे कहां हुए। उन्होंने कहा कि 2018 में भी दुनिया ने देखा कि किस तरीके से मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर अधिक से अधिक मतदान कर कांग्रेस की सरकार बनाने की बात कही।
सामाजिक खाई पैदा करना चाहती है कांग्रेस
सीएम शिवराज सिहं चौहान ने बताया कि इस वीडियो से स्पष्ट था कि किस तरीके से यह सामाजिक खाई पैदा करके अपनी सरकार बनाना चाहते हैं। अब जो वीडियो सामने आया है उसमें मध्य प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं। कमलनाथ कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता हैं। तथा मध्य प्रदेश के सीएम भी रहे हैं। उसके बाद भी वह सामाजिक वैमनस्यता पैदा करके वोट पाना चाहते हैं। बीजेपी सरकार उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने देगी।
मध्य प्रदेश में बंद पड़े कुएं बावड़ी बनेंगे अब जल स्रोत
बीते दिनों इंदौर में बावड़ी हादसे में 36 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद सरकार ने निर्देश दिए थे प्रदेश में खुले हुए कुएं या बावड़ियों को मिट्टी से भर दिया जाए। वह घटना काफी दर्दनाक थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पुरानी कुएं और बावड़ियों का जीर्णोद्धार कर उन्हें फिर से जलस्रोत बनाने की सलाह दी है।
यह पहल अच्छी हो सकती है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश सरकार ऐसे बंद पड़े हुए कुएं बावड़ियों को मिट्टी आदि से नहीं भरेगी, बल्कि उनका उद्धार कर पुनः जल स्रोत के तौर पर विकसित किया जाएगा। इतना ही नहीं, उन्होने कहा कि मंदिर काफी पुराना था जिसे ढहा दिया गया था। लेकिन प्रतिमा को दूसरी जगह स्थापित किया गया है। वह चाहते हैं कि स्थानीय सामंजस्य से उस जगह पर फिर से एक भव्य मंदिर निर्माण हो, जिसमें प्रतिमा स्थापित की जाए और लोगो द्वारा वहां पर पूजा-अर्चना किया जा सकें।