Lucknow: 116 एमओयू में से 56 परियोजनाओं पर काम शुरू, अन्य में एनओसी के वजह से हो रही देरी

Investment in lucknow: एलडीए की ओर से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अर्तगत विभिन्न निवेशकों के साथ 31 हजार करोड़ के 116 एमओयू पर साइन किया गया है। जिसमें से 56 परियोजनाओं पर तेजी से काम भी शुरू हो गया है। जिसमें अब तक 2152 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका, कार्य की प्रगति के साथ और निवेश आएगा। वहीं, एलडीए वीसी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने निवेशकों के साथ बैठक कर अन्य परियोजनाओं को भी शीघ्र लॉन्च करने के निर्देश दिए।

वहीं, उपाध्यक्ष ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत 31 हजार करोड़ के निवेश के 116 एमओयू साइन किए गए हैं। इनमें से 16,500 करोड़ रुपये की 78 परियोजनाएं भूमि पूजन के लिए तैयार हैं। जबकि इनमें से 56 परियोजनाओं का काम शुरू हो गया है, जिससे 2,152 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।

6000 लोगों को मिला अपरोक्ष रोजगार

प्रदेश की राजधानी में रियल एस्टेट सेक्टर की इन परियोजनाओं के धरातल पर उतरने से लगभग 3,500 लोगों को परोक्ष रूप से जबकि 6,000 लोगों को अपरोक्ष रूप से रोजगार मिला है। बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, नगर नियोजक केके गौतम, अधिशासी अभियंता संजय जिंदल, सहायक लेखाधिकारी विनोद कुमार श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी व विकासकर्ता  भी मौजूद रहे।

एनओसी के कारण इन परियोंजनाओं में हो रही देरी
आपको बता दें कि कनक बिहारी, अमरावती होम्स व हर्षा इन्फ्रा डेवलपर्स के प्रतिनिधियों ने बताया कि नगर निगम से एनओसी न मिलने के कारण मानचित्र स्वीकृत होने में देर हो रहा है। इसी तरह सफायर इन्फ्रावेन्चर के प्रतिनिधि ने सिंचाई विभाग से एनओसी न मिलने के कारण परियोजना की लॉन्चिंग में देरी होने की बात बताई। इस पर उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबंधित विभागों के साथ शीघ्र बैठक करके एनओसी आदि की अड़चनों को दूर कराया जाए।

अवैध प्लॉटिंग को ध्‍वस्‍त कराने का दिए निर्देश
अमरावती होम्स, पिन्टेल रियलिटी डेवलपर, श्रीराज इन्फ्रा व अन्य के प्रतिनिधियों ने उपाध्यक्ष को बताया कि उनकी परियोजनाओं के तहत कुछ जगहों पर अवैध निर्माण एवं प्लाटिंग हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है। इस पर उपाध्यक्ष ने जोनल अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस प्रकरण में कार्ययोजना बनाते हुए विशेष अभियान चलाकर अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाए। जिन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अर्जन संबंधी दिक्कतें हैं, उनमें उपाध्यक्ष ने कार्रवाई के लिए भू-स्वामित्व अभिलेखों के साथ प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

 

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