CCI penalty on axis bank: बैंक लोन लेने पर या अन्य किसी योजना का पैसा समय पर जमा नहीं करने पर ग्राहकों को जुर्माना देना पड़ता है। ऐसे ही कभी-कभी बैंकों को भी अपनी गलतियों के कारण पेनाल्टी देनी पड़ती है। इस समय प्राइवेट सेक्टर के एक्सिस बैंक को एक ऐसी ही कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने सीएससी ई-गवर्नेंस में हिस्सेदारी लेने की सूचना उसे नहीं देने के लिए एक्सिस बैंक पर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
दरअसल, सीसीआई ने अपने आदेश में कहा कि यह सौदा एक्सिस बैंक के सीएससी ई-गवर्नेंस में 9.91 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण का था, जो नवंबर, 2020 में पूरा हुआ। आदेश के मुताबिक, इस सौदे के लिए एक्सिस बैंक को प्रतिस्पर्धा आयोग को सूचना देना जरूरी था। सीसीआई ने कहा कि “यह स्पष्ट है कि एक्सिस बैंक का सीएससी ई-गवर्नेंस में हिस्सेदारी का अधिग्रहण न तो केवल निवेश के रूप में था और न ही इसे व्यवसाय के सामान्य क्रम में माना जा सकता है।”
इसीलिए, एक्सिस-सीएससी ई-गवर्नेंस अधिग्रहण अनुसूची-1 (संयोजन विनियमन) के प्रावधान-1 के लाभ का पात्र नहीं है। 9 अगस्त के आदेश के अनुसार, एक्सिस बैंक को यह जुर्माना आदेश की तारीख के 60 दिनों के अंदर देना होगा।
इस मामले में यह निर्धारित करने की आवश्यकता नहीं है कि लेनदेन के कारण नियंत्रण हासिल हुआ या नहीं। आयोग ने जांच में पाया कि एक्सिस बैंक नियमों का पालन करने में विफल रहा। एक्सिस बैंक का सीएससी ई-गवर्नेंस के बोर्ड में प्रतिनिधित्व है। प्रतिस्पर्धा निगरानी संस्था के अनुसार, इसका इरादा कंपनी के निदेशक मंडल में प्रतिनिधित्व करने और इसके प्रबंधन या मामलों में भाग लेने का भी था।