India’s First Indigenous Nuclear Power Plant: वर्तमान समय में भारत लगातार अपना परचम लहराने में जुटा हुआ है। अभी हाल ही में जहां चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद पर भेजा गया वहीं दूसरी ओर गुजरात में भारत का पहला स्वदेशी परमाणु ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किया गया है। इस पहले स्वदेशी परमाणु ऊर्जा संयंत्र काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना (KAPP) ने बिजली उत्पादन शुरू कर दिया है।
इस पावर प्लांट के शुरू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने इस मौके पर वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई भी दी। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ‘भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। गुजरात में 700 मेगावाट क्षमता वाले पहले सबसे बड़े स्वदेशी काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई-3 ने पूरी क्षमता के साथ काम करना शुरू कर दिया है। हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई।’
केएपीपी-3 700 मेगावाट क्षमता का प्रथम स्वदेशी दाबित भारी पानी रिएक्टर है। इसे भारतीय वैज्ञानिकों और अभियंताओं द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
दरअसल, न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) ने देश भर में 700 मेगावाट के 16 PHWR स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। जिनमें से राजस्थान के रावतभाटा (RAPS 7 और 8) और हरियाणा के गोरखपुर (GHAVP 1 और 2) में निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। साथ ही सरकार ने हरियाणा के गोरखपुर, मध्य प्रदेश के चुटका, राजस्थान के माही बांसवाड़ा और कर्नाटक के कैगा में 4 बड़े मोड में 10 स्वदेशी रूप से विकसित PHWR के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही आपको बताते चले कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र काकरापार, गुजरात में ताप्ती नदी पर सूरत से करीब 80 किलोमीटर दूर है।