New Delhi: केरल के कोझिकोड़ में निपाह वायरस का खतरा मंडरा रहा है। केरल में निपाह वायरस से दो लोगों की मौत हो चुकी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने शुक्रवार को बताया कि इस बीमारी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाई जा रही है और आईसीएमआर की ओर से इसके वैक्सीन के लिए शुरुआती रिसर्च का काम भी शुरू कर दिया गया है। आईसीएमआर इस बात की तैयारी में जुटा है कि अगर कोई भी नया इन्फेक्शन आता है, तो कितनी जल्दी उसका वैक्सीन बन सकता है। आईसीएमआर चीफ डॉ राजीव बहल ने कहा कि एक नई कोशिश की जा रही है कि जिसके तहत महज 100 दिनों के भीतर उस बीमारी का टीका खोज लिया जाय।
निपाह एक जुनोटिक वायरस
महानिदेशक राजीव बहल ने कहा कि निपाह वायरस के प्रकोप के देखते हुए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) से बीएसएल थ्री मोबाइल (बायोसेफ्टी लेवल-3) लैब को केरल भेजा गया है, जिससे समय की बचत होगी और जल्द से जल्द वायरस के बारे में पता लग जाएगा। उन्होंने कहा, ‘निपाह एक जुनोटिक वायरस है, जो कि फ्रूट बैट से आया है। सबसे पहले मलेशिया में ये आया था। उसके बाद भारत और बंगलादेश में कई मामले हुए हैं। उन्होंने बताया कि कोविड में मौत 2 से 3 प्रतिशत हुआ, जबकि इसमें 40-70 प्रतिशत तक मौत के मामले सामने आए हैं। अभी तक भारत में दो, चार या पांच तक केस हुए हैं। पहली बार भारत में छह केस हुए हैं, वहीं विश्व में एक बार अधिकतम 100 मामले आ चुके हैं।
केवल 100 दिनों के अंदर वैक्सीन
डॉ राजीव बहल ने कहा कि 100 दिनों के अंदर इसका वैक्सीन आ जाएगा। केवल 100 दिनों के भीतर किसी भी वैक्सीन को बनाना इतना आसान काम नहीं है और पूरी दुनिया इसपर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘इसे लेकर एक वैक्सीन लाइब्रेरी बनाने की भी सोच है, जिससे कि अगर कोई नई बीमारी आती है तो जल्द से जल्द उसका वैक्सीन तैयार किया जा सके।