UP: कंप्यूटर और कला विषय के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत, सहायक अध्यापक कंप्यूटर भर्ती में अब बीएड अनिवार्यता खत्म

Up news: राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षक (सहायक अध्यापक) भर्ती परीक्षा के लिए नई नियम जारी, इसके साथ ही कुछ विषयों में बीएड की अनिवार्य अर्हता भी हटा दी गई है। कंप्यूटर विषय में बीएड की अनिवार्य अर्हता को पूरी तरह स से हटा दिया गया है।कला विषय में स्नातक (बीएफए) के अभ्यर्थियों के लिए भी बीएड की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। इससे कंप्यूटर और कला विषय के अभ्यर्थियों को काफी राहत मिलेगी। परीक्षार्थी काफी समय से इसकी मांग भी कर रहे थे। इससे पहले कंप्यूटर विषय में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए शिक्षा स्नातक (बीएड) होना अनिवार्य था।
कंप्यूटर विज्ञान में बीटेक या बीई या कंप्यूटर विज्ञान में विज्ञान स्नातक या कंप्यूटर अप्लीकेशन में स्नातक या एआईईएलआईटी से ‘ए’ स्तरीय पाठ्यक्रम के साथ स्नातक की उपाधि होना अनिवार्य था। 

कंप्यूटर विषय के लिए बीएड की अनिवार्यता को पूरी तरह खत्म


नई व्यवस्था में कंप्यूटर विषय के लिए बीएड की अनिवार्यता को पूरी तरह से समाप्त करते हुए इसे अधिमानी अर्हता के रूप में शामिल किया गया है।अभ्यर्थी के पास बीएड की डिग्री है तो अधिमानी अर्हता के रूप में उसे वेटेज दिया जाएगा। यदि बीएड की डिग्री नहीं है, तब भी वह सहायक अध्यापक कंप्यूटर भर्ती के लिए अर्ह माना जाएगा, लेकिन अलग से वेटेज नहीं मिलेगा। 

सहायक अध्यापक कला के लिए अभ्यर्थी ललित कला में स्नातक (बीएफए) है तो बीएड की उपाधि अधिमानी अर्हता होगी। यानी बीएफए की उपाधिवाले अभ्यर्थी को सहायक अध्यापक कला की भर्ती में बीएड की डिग्री होने पर वेटेज मिलेगा, लेकिन बीएड की डिग्री न होने पर भी अभ्यर्थी आवेदन के लिए पात्र होगें। अभ्यर्थी के पास एक विषय के रूप में कला के साथ स्नातक की उपाधि है तो उसके लिए एनसीटीई से मान्यता प्राप्त किसी कोर्स में बीएड की डिग्री अनिवार्य होगी।

इससे पिछली भर्ती में कंप्यूटर विषय में 98 फीसदी पद खाली रह गए थे


एलटी ग्रेड शिक्षक की पिछली भर्ती का विज्ञापन मार्च 2018 में आया था, जिसमें सहायक अध्यापक कंप्यूटर के 1673 पदों में से 1637 पद खाली रह गए थे। कुल पदों में पुरुष वर्ग के 898 और महिला वर्ग के 775 पद शामिल थे। इनमें पुरुष वर्ग के 36 व महिला वर्ग के छह पदों पर अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। नई नियमावली में कंप्यूटर व कला विषय में लागू की गई व्यवस्था से छात्रों को राहत मिलेगी और उनके लिए चयन के अवसर बढ़ेंगे।

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