खुद का अंतरिक्ष स्टेशन लॉन्‍च करने की तैयारी कर रहा इसरो, अध्यक्ष वी नारायणन ने बताया कब जाएगा चंद्रयान-4

ISRO : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने खुद के अंतरिक्ष स्टेशन को कक्षा में लॉन्च करने के लिए तैयार हो रहा है। यह भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में एक साहसिक छलांग है। इस बात को समाज सुधारक राममोहन राय की 253वीं जयंती पर इसरो चेयरमैन वी नारायणन ने कही। जानकारी देते हुए उन्‍होंने बताया कि चंद्रयान-4 को अगले ढाई साल में लॉन्च किया जाएगा। 

सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार कर रही काम

इसरो प्रमुख ने बताया कि वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव हैं। उनका विभाग देश के नागरिकों के लिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि उदाहरण के लिए हमारे देश को ही लें, हमारे पास 11,500 किलोमीटर की तटरेखा है, और फिर उत्तरी सीमा है। हमारी पास निगरानी के लिए एक विशाल सीमा है और सरकार सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगन से काम कर रही है। ये मौसम के पूर्वानुमान से लेकर सबसे दूरदराज के क्षेत्रों में टेली-शिक्षा तक कई मुद्दों पर वास्तविक समय के अपडेट और डाटा देकर जनता की सेवा कर रहे हैं।

अंतरिक्ष स्टेशन का वजन होगा 50 टन से अधिक

अंतरिक्ष स्टेशन को लेकर नारायण ने बताया है कि इसका वजन 50 टन से अधिक होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नाकामी किसी भी तरह से इसरो के गगनयान जैसे भविष्य के कार्यक्रमों को पटरी से नहीं उतार सकती, क्योंकि यह कार्यक्रम भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा। 

अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने के मुताबिक, इसरो देश की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान को गगनयान कहा जाता है। नारायणन ने बताया कि गगनयान का पहला मिशन एक मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसे आने वाले दिनों में लॉन्च किए जाने की पूरी संभावना है। उनका कहना है कि इसके बाद चालक दल के साथ दो मिशन होंगे, जिन्हें निकट भविष्य में इसरो के लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।

अगले ढाई साल में लॉन्च होगा चंद्रयान-4

इसरो चेयरमैन वी नारायणन ने जानकारी के देते हुए बताया कि अभी हम (इसरो) चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 पर भी काम कर रहे हैं। इस दौरान जापान ने इस चन्‍द्रयान में काफी सहयोग किया, जिससे चंद्रयान-5 में 6,400 किलोग्राम का लैंडर होगा, जो 350 किलोग्राम का रोवर ले जाएगा।

इसका जीवनकाल 100 दिन होगा। चंद्रयान-3 लैंडर का वजन 1,600 किलोग्राम था और इसमें 25 किलोग्राम का रोवर था। चंद्रयान-4, चांद की सतह से नमूने वापस लाने के लिए अगले ढाई साल में लॉन्च किया जाएगा। उनका मानना है कि पिछले कई दशकों में भारत आगे बढ़ा है और अब अंतरिक्ष अनुसंधान और अन्वेषण में शीर्ष देशों में शामिल है।

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