Chhatrapati Shivaji : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन से भारत गौरव एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी मिली और ट्रेन महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी महाराज के गौरवशाली इतिहास को दिखाने के लिए यात्रियों को लेकर रवाना हुई। इस दौरान सेंट्रल रेलवे का कहना है कि इस ट्रेन को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है और आज रवाना की गई ट्रेन की सभी सीटें फुल थी।
यात्रियों को मिलेगा संस्कृति का अनूठा अनुभव
जानकारी के मुताबिक, इस टूर में शिवाजी महाराज के जीवन और विरासत से जुड़े कई प्रतिष्ठित स्थानों को शामिल किया जाएगा, जिससे यात्रियों को इतिहास और संस्कृति का अनूठा अनुभव मिलेगा। वही एक अधिकारी का कहना है कि “कुल 710 यात्री इस यात्रा पर जाएंगे, जिनमें से 480 स्लीपर श्रेणी में, 190 कम्फर्ट (3AC) श्रेणी में और 40 सुपीरियर (2AC) श्रेणी में होंगे।
बताया गया यात्रा का पूरा कार्यक्रम
बता दें कि इस यात्रा का टूर रायगढ़ किला, शिवनेरी किला, प्रतापगढ़ किला, पन्हाला किला, लाल महल, कस्बा गणपति और शिवसृष्टि जैसे ऐतिहासिक स्थलों को कवर करती है, वर्तमान समा में महान छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाते हैं। इस दौरान सुविधा और सुलभता के साथ, यह ट्रेन यात्रियों को महाराष्ट्र के गौरवशाली अतीत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखने का एक सहज अनुभव प्रदान करती है।
- आपको इस पूरे 6 दिनों के कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताएंगे। पहले दिन तो रेलगाड़ी कोंकण रेलवे नेटवर्क पर माणगांव रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी, ये रायगढ़ किले के लिए निकटतम रेलवे लिंक है। बता दें कि इसी जगह छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था और बाद में ये उनकी राजधानी बन गई। इस दौरान दर्शनीय स्थलों की यात्रा पूरी होने पर पर्यटक वापस ट्रेन में लौट आएंगे क्योंकि यह अगले गंतव्य पुणे के लिए आगे बढ़ेगी।
- जानकारी के मुताबिक, दूसरे दिन पुणे में पर्यटक जिन प्रमुख स्थलों को देखेंगें, वे हैं लाल महल, कस्बा गणपति और शिवसृष्टि। वर्तमान संरचना देखा जाए तो पुनर्निर्माण 1984 में उस भूमि के एक हिस्से पर किया गया था। जहां लाल महल खड़ा था और इसमें तेल चित्रों का एक विशाल संग्रह है जो छत्रपति शिवाजी महाराज के महत्वपूर्ण जीवन की घटनाओं को दर्शाता है। बता दें कि पर्यटक यहां मराठा शासक की जीवन कहानी 3डी में देखेंगे और अन्य इंटरैक्टिव सत्रों का आनंद लेंगे।
- इस यात्रा के दौरान पुणे में एक रात के आराम के बाद, यात्री तीसरे दिन मेहमान शिवनेरी की यात्रा करेंगे। बता दें कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्मस्थली है और मुस्लिम शासन के खिलाफ मराठा गौरव और प्रतिरोध का प्रतीक है। सभी ऐतिहासिक स्थलों को घूमने के बाद दोपहर के भोजन के बाद पुणे लौटने से पहले 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर का दर्शन करेंगे।
- बता दें कि यात्रा कार्यक्रम के चौथे दिन, यात्री पर्यटक सतारा की आगे की यात्रा के लिए ट्रेन से निकलेंगे। इस दिन यात्री सबसे पहले प्रमुख स्थल प्रतापगढ़ किला जाऐंगे। जो 1659 में छत्रपति शिवाजी महाराज और बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल खान के बीच हुए प्रतापगढ़ युद्ध के कारण अत्यधिक ऐतिहासिक महत्व रखता है। इस युद्ध में हुए कई ऐसे तथ्य जो छत्रपति शिवाजी के ऐतिहासिक चीजों से जुड़ा हुआ है। इस युद्ध ने मराठा साम्राज्य की स्थापना के लिए मंच तैयार किया था।
- जानकारी के मुताबिक, पर्यटक एक उपयुक्त स्थान पर दोपहर का भोजन करेंगे और वापस ट्रेन के लिए रवाना होंगे, बता दें कि यह ट्रेन यहां से यात्रा के अंतिम गंतव्य कोल्हापुर के लिए आगे बढ़ती है। इस दौरान यात्रा के बाद नहाने-धोने और होटल में नाश्ता करने के बाद पर्यटक महालक्ष्मी मंदिर जाएंगे, जिसे अम्बाबाई के नाम से जाना जाता है और उसके बाद पन्हाला किला जाएंगे। उस स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने 500 से अधिक दिन वहां बिताए थे। क्योंकि यहां उन्हें बंदी बनाकर रखा गया था और बाद में वे भाग निकले थे। इसे किले पर कब्जा करने की लड़ाई के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज के सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे द्वारा दिखाई गई वीरता के लिए याद किया जाता है।
- वहीं यात्रा के लिए देर शाम को ट्रेन मुंबई के लिए वापस शुरू होती है और यात्रा खत्म होने के बाद छठे दिन सुबह मुंबई पहुंचती है। बता दें कि सभी श्रेणियों में सभी समावेशी मूल्य में संबंधित श्रेणियों में ट्रेन यात्रा, आरामदायक होटलों में रात का ठहराव, सभी भोजन बसों में सभी स्थानांतरण और दर्शनीय स्थलों की यात्रा, यात्रा बीमा, टूर एस्कॉर्ट की सेवाएँ आदि शामिल होंगे।
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