Rajasthan: कोर्ट ने कांग्रेस के 2 विधायकों समेत 9 लोगों को सुनाई सजा, 11 साल पुराना मामला

Rajasthan: जयपुर में जिला अदालत ने ग्यारह साल पहले एक मामले में कांग्रेस के दो विधायकों सहित 9 लोगों को एक-एक साल की सजा सुनाई है. राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट के बाहर 13 अगस्त 2014 को सड़क जाम करने और भीड़ इकट्ठा करने के मामले में बुधवार (18 जून) को दोषी करार दिए गए हैं. जयपुर महानगर प्रथम की ACJM-19 अदालत ने सभी आरोपियों को रास्ता रोकने और विधि विरुद्ध जमावड़े का दोषी पाया.

कोर्ट ने नौ आरोपियों को सुनाई सजा

अदालत ने लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, शाहपुरा विधायक मनीष यादव और झोटवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अभिषेक चौधरी के साथ-साथ राजेश मीणा, रवि किराड़, वसीम खान, द्रोण यादव, भानूप्रताप सिंह और विद्याधर मील को भी दोषी ठहराया. अभियोजन अधिकारी कविता पिंगोलिया ने बताया कि पुलिस ने 11 अगस्त 2016 को इस मामले में चालान पेश किया था. लंबे ट्रायल के बाद कोर्ट ने सभी नौ आरोपियों को सजा सुनाई.

दोनों विधायक झोटवाड़ा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार

हालांकि सिर्फ एक साल की सजा होने से कांग्रेस पार्टी के इन दोनों विधायकों की विधानसभा सदस्यता को कोई खतरा नहीं होगा. पीपल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के मुताबिक ज्यादातर मामलों में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर ही विधानसभा की सदस्यता निरस्त होती है. 11 साल पुराने मामले में कोर्ट ने दोनों विधायकों और जयपुर की झोटवाड़ा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रहे अभिषेक चौधरी समेत 9 लोगों को दोषी करार देकर सभी को एक-एक साल की सजा सुनाई है.  

धारा 147 और 283 के तहत केस दर्ज

कोर्ट ने सभी दोषियों पर 3200 रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. जितने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, दोनो विधायको समेत 9 लोगों को दोषी करार दिया गया है और उन्हें सजा सुनाई गई है. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 और 283 के तहत केस दर्ज किया गया था.

रास्ता जाम करने का मामला

पुलिस ने इस मामले में 11 अगस्त 2016 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सभी का चालान पेश किया था. इन सभी पर 13 अगस्त 2014 को राजस्थान यूनिवर्सिटी के मेन गेट के बाहर जवाहरलाल नेहरू मार्ग को जाम करने और वहां बिना अनुमति के भीड़ इकट्ठा करने के मामले में केस दर्ज किया गया था. घटना के वक्त यह सभी यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति करते थे. 

यह फैसला जयपुर महानगर प्रथम के एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट 19 की कोर्ट ने सुनाया है.

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