Delhi: दिल्ली सरकार को विभिन्न सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए 950 करोड़ रुपये की जरूरत है. इस संबंध में दिल्ली सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है. दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि 415 किलोमीटर लंबी सड़कें सात-आठ वर्षों से जर्जर हैं. गड्ढे और टूटी परतों की वजह से वाहन चालकों को जाम से जूझना पड़ता है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस संबंध में एक प्रस्ताव केंद्रीय सड़क निधि (CRF) के तहत केंद्र सरकार को भेजा गया है, जिसका उद्देश्य आउटर रिंग रोड, मथुरा रोड, नजफगढ़ रोड और विकास मार्ग सहित प्रमुख सड़कों को नया रूप देना है. अब तक 150 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत हो चुकी है, जबकि 100 किलोमीटर पर काम चल रहा है.
ई-टेंडरिंग के माध्यम से निर्माण कार्य
प्रोजेक्ट को 2026 तक पूरा करने के लिए ई-टेंडरिंग के माध्यम से निर्माण कार्य किया जाएगा. दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि इस बार केंद्र से वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे काम में तेजी आएगी. पीडब्ल्यूडी विभाग ने सड़कों पर गड्ढे भरने के लिए अभियान भी चलाया है. 23 जून को सरकार ने यह अभियान चलाया था, जिसके दौरान एक ही दिन में 3,400 गड्ढे भरे गए.
निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर भी खास फोकस
दिल्ली सरकार का मानना है कि राजधानी की सड़कें सिर्फ आने-जाने का माध्यम नहीं बल्कि एक शहर की पहचान होती हैं. अच्छी सड़कें न सिर्फ यात्रा को आसान बनाती हैं बल्कि अर्थव्यवस्था, व्यापार और नागरिकों के जीवन स्तर को भी ऊपर उठाती हैं. यही वजह है कि इस योजना में तकनीकी गुणवत्ता और समय सीमा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. विभाग हर चरण की निगरानी करेगा और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर भी खास फोकस होगा.
सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर
रेखा गुप्ता सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया, “हमारी प्रतिबद्धता दिल्ली के लोगों को अच्छी सड़कें देने की है. सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. हमने 150 किलोमीटर सड़कें बनाई हैं और इस साल 500 किलोमीटर का लक्ष्य रखा है. पिछली सरकार ने घटिया गुणवत्ता वाली सड़कें बनाई थीं. हम सभी सड़कों की रीकार्पेटिंग करेंगे.” आम लोग पीडब्ल्यूडी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए भी सड़क संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं.
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