Uttarakhand: उत्तराखंड में भगवा चोले की आड़ में धार्मिक आस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सरकार ने बड़ा अभियान छेड़ रखा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चल रहे ऑपरेशन कालनेमि के तहत अब तक 2448 संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जा चुकी है.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि उत्तराखंड देवभूमि है, यहां की संस्कृति और आस्था के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऑपरेशन कालनेमि को पूरी सख्ती से लागू किया जाए और फर्जी साधु संतों पर कड़ी कार्रवाई कर जनता को ठगने वालों को बेनकाब किया जाए.
ऑपरेशन कालनेमि तहत संदिग्धों की पहचान
उत्तराखंड में जारी ऑपरेशन कालनेमि के तहत राज्य के सभी 13 जिलों में अब तक कुल 2448 लोगों की पहचान की गई है. इसमें 377 संदिग्धों की पहचान की गई है. इसके अलावा भगवा चोले की आड़ में पहचान छिपा कर लोगों को ठगने पर 222 अभियुक्तों पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है जबकि 140 गिरफ्तारियां सुनिश्चित की गईं. ऑपरेशन कालनेमि के तहत संवेदनशील इलाकों में पहचान पत्र, निवास प्रमाण, और दस्तावेजों की भी गहन जांच की जा रही है ताकि कोई ढोंगी बच न पाए.
बाबाओं से पुलिस कर रही पूछताछ
राज्य सरकार का कहना है कि, इस अभियान का मकसद केवल ठगी करने वालों को पकड़ना ही नहीं है, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान, सामाजिक शांति और नागरिकों की सुरक्षा को मजबूत करना भी है. सड़कों, गलियों, मोहल्लों और ग्रामीण इलाकों में घूमने वाले बाबाओं से भी पूछताछ की जा रही है. पुलिस उनसे उनका असली पता, धर्मिक संस्था से जुड़ाव और अन्य प्रमाण मांग रही है. इस अभियान के तहत एक बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी भी हुई है, जो फर्जी साधु बनकर उत्तराखंड में घूम रहा था.
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