आतंकवादी समूहों और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने विशेष मंच स्थापित करने के दिए निर्देश

Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवादी समूहों द्वारा एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करने पर चिंता जताई और साथ ही इस समस्या से निपटने के लिए एक विशेष मंच स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि आतंकी संगठनों के सोशल मीडिया के जरिए खुफिया संचार पर लगाम कसी जा सके.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को आतंकवादी और तस्करी गतिविधियों में शामिल भगोड़ों को वापस लाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शुक्रवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय को और मजबूत किया जाए.

राष्ट्रीय सुरक्षा के कई मुद्दों पर हुआ मंथन

गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय 8वें राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में ये बातें कही. इस सम्मेलन में देशभर से 800 के करीब अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें से कुछ भौतिक तो कुछ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे. इस सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया. सम्मेलन के पहले दिन राष्ट्र के हितों के खिलाफ रहने वाले बाहरी तत्वों की भूमिका और मादक पदार्थों के व्यापार में उनकी संलिप्तता सहित उनके घरेलू संबंधों के मुद्दे पर मंथन हुआ. इनमें आतंकी समूहों द्वारा इस्तेमाल की जानी वाली एन्क्रिप्टेड संचार ऐप्स और अन्य नई तकनीकों के गलत इस्तेमाल से पैदा हुईं चुनौतियों पर बात हुई. साथ ही भीड़ प्रबंधन, निर्जन द्वीपों की सुरक्षा के मुद्दे पर बात हुई.

आतंकवादी वित्तपोषण पर हुई चर्चा

इसके साथ ही शाह ने आतंकवाद और आपराधिक गठजोड़ के घरेलू नेटवर्क को तोड़ने के लिए रणनीति में बदलाव की आवश्यकता पर भी जोर दिया. आतंकवाद के वित्तपोषण तंत्र की समीक्षा करते हुए शाह ने एजेंसियों को वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित जानकारी का विश्लेषण करके आतंकी मॉड्यूल का पता लगाने का निर्देश दिया. गृह मंत्रालय को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पुलिस द्वारा केवल स्वदेशी तकनीक का ही उपयोग किया जाए.

मादक पदार्थों की तस्करी पर ध्यान केंद्रित

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), अत्याधुनिक स्तर के युवा पुलिस अधिकारी और विशिष्ट क्षेत्रों के विशेषज्ञ, संबंधित राज्यों की राजधानियों से वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए. शनिवार को सम्मेलन के दूसरे दिन नागरिक उड्डयन और बंदरगाह सुरक्षा, आतंकवाद निरोध, वामपंथी उग्रवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के प्रतिकार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

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