HP: हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने पारंपरिक कुंजड़ी मल्हार गायन के बीच ऐतिहासिक चौगान में ध्वजारोहण कर अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले का शुभारंभ किया है. इससे पहले मिर्जा परिवार के मुखिया एजाज मिर्जा ने परंपरा का निर्वहन करते हुए भगवान रघुवीर को मिंजर अर्पित करने की रस्म अदा की. रविवार सवेरे नगर परिषद चंबा के कार्यालय से शोभायात्रा आरंभ होकर श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंची. बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़े की थाप पर विभिन्न सांस्कृतिक दलों के कलाकार थिरकते हुए शोभायात्रा में शामिल हुए. शहर के मंदिरों की पूजा-अर्चना और मिंजर अर्पित करने के बाद चौगान मैदान तक शोभायात्रा निकाली गई.
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया उद्घाटन
इसी के साथ ही राज्यपाल द्वारा मिंजर के ऐतिहासिक चिन्ह मिंजर ध्वज को फहराकर इसका शुभारंभ किया. वहीं राज्यपाल ने अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले के उपलक्ष्य पर ऐतिहासिक चौगान मैदान में लगाई गई विभिन्न प्रदर्शनों का रिबन काटकर उद्घाटन किया.
विधायकों समेत उच्च अधिकारी भी रहे उपस्थित
नगर परिषद अध्यक्ष नीलम नैय्यर ने राज्यपाल को मिंजर भेंट की. मिंजर मेला आयोजन समिति की ओर से उपायुक्त एवं अध्यक्ष मुकेश रेपस्वाल ने राज्यपाल को सम्मानित किया. राज्यपाल ने खेलकूद प्रतियोगिताओं का भी शुभारंभ किया. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, विधायक नीरज नैय्यर, डीएस ठाकुर, डॉ. हंसराज सहित कई गणमान्य मौजूद रहे.
मिंजर मेले की शुरुआत
मिंजर मेला हिमाचल प्रदेश की चंबा घाटी में 935 सदी से मनाया जाता है. कहा जाता है कि चंबा के राजा ने त्रिगर्त (जिसे अब कांगड़ा के नाम से जाना जाता है) के शासक पर विजय प्राप्त की थी उसकी खुशी में इस मेले को मनाया जाता है.
ऐसा कहा जाता है कि अपने राजा की जीत और वापसी पर लोगों ने उन्हें धान और मक्के के गुलदस्ते भेंट किए, जो समृद्धि और खुशी का प्रतीक थे. उन्हीं गुलदस्तों को स्थानीय भाषा में मिंजर कहा जाता है.
इसे भी पढ़ें:-सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खुलता है ये रहस्यमयी मंदिर, एक झलक से कटता है कालसर्प दोष!