हंसी-मस्ती और थोड़ा इमोशन, अजय देवगन और रवि किशन की धमाकेदार स्टोरी सन ऑफ सरदार-2

Son of sardaar-2: सन ऑफ सरदार 2 एक ऐसी फिल्म है जो अपने पहले पार्ट की हंसी और मस्ती को बरकरार रखते हुए थोड़ा इमोशन और आज की फैमिली डाइनैमिक्स भी जोड़ती है. सिक्वल के साथ अक्सर उम्मीदें और दबाव दोनों जुड़ जाते हैं. यह फिल्म उन उम्मीदों पर पूरी तरह खरी तो नहीं उतरती, लेकिन कई जगहों पर दिल जीतने में जरूर कामयाब रहती है. इस फिल्म की लेंथ 2 घंटा 27 मिनट है.

कैसी है फिल्म

ये एक बिना दिमाग लगाए देखने वाली फिल्म है और ऐसी फिल्में इसी तरह से देखी जाती हैं. ये इनके ट्रेलर से ही पता चल जाता है, फिल्म में बढ़िया कॉमेडी है. फर्स्ट हाफ में बॉर्डर फिल्म का एक सीन आता है जहां आप खूब हंसेंगे. फिल्म की लोकेशन कमाल की है. असीम बजाज की सिनेमैटोग्राफी अच्छी है. बीच बीच में अच्छा म्यूजिक आता है, हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगते हैं. इंडिया पाकिस्तान एंगल को काफी मजेदार तरीक से दिखाया गया है जिसे देखकर दर्शक ताली बजाते हैं. फिल्म कहीं बोर नहीं करती, आप लगातार एंटटरेन होते हैं हंसते हैं, और ऐसी फिल्में इसलिए बनाई जाती हैं. कहानी कोई महान नहीं है और ये ट्रेलर से ही पता चल गया था लेकिन ढाई घंटे आप सब कुछ भूलकर ये फिल्म एन्जॉय करते हैं. आखिरी में एक कैमियो आता है जो आपको थिएटर जाकर ही देखना होगा और ये बड़े असरदार तरीके से शूट किया गया है जिससे आपको फिल्म खत्म होते होते भी एक सरप्राइज मिलता है. 

एक्टिंग

अजय देवगन बड़े वक्त बाद स्क्रीन पर एनर्जी से भरे दिखे. ऐसा लगा कि वो खुद भी ये किरदार एन्जॉय कर रहे थे इसलिए दर्शक ने भी एन्जॉय किया. म्रुणाल ठाकुर ने सबसे ज्यादा इम्प्रेस किया. वो कमाल की लगी हैं और स्क्रीन पर उनमें गजब की एनर्जी दिखती है. वो अजय देवगन को पूरी टक्कर देती हैं. रवि किशन ने कमाल काम किया है, उनकी पंजाबी जबरदस्त लगती है. सबसे बढ़िया पंजाबी भोजपुरी के सुपरस्टार रवि किशन ने ही बोली है. मुकुल देव को उनके इस दुनिया से जाने के बाद स्क्रीन पर देखना इमोशनल लगता है. विंदू दारा सिंह ने मजेदार काम किया है. नीरू बाजवा अच्छी लगती हैं. दीपक डोबरियाल का किरदार काफी मजेदार है और उन्होंने इसे अच्छे से प्ले किया है. कुबरा सैत अच्छी लगी हैं. रोशनी वालिया का काम अच्छा है, चंकी पांडे मजेदार हैं, शरत सक्सेना बढ़िया हैं.

सन ऑफ सरदार 2 की स्टोरी

जस्सी (अजय देवगन) अपनी पत्नी बीवी नीरू बाजवा से मिलने विदेश जाता है. बड़ी मुश्किल से वीसा मिलता है लेकिन वहां जाता आसानी से दिल टूटता जाता है. अब लुटे-पिटे जस्सी की जिंदगी में आती है पाकिस्तानी राबिया यानी मृणाल ठाकुर. जब राबिया परेशानी में फंसती है तो किसी तरह से जस्सी उसकी मदद करने को तैयार हो जाता है. अब यहीं से झूठ, गलतफहमियों और कॉमेडी का सिलसिला शुरू होता है. कुल मिलाकर सन ऑफ सरदार 2 की कहानी देखकर यही समझ आता है कि 2012 वाले जस्सी जैसा कोई नहीं. मेकर्स का फोकस कहानी पर कम और अजय देवगन की स्टार पावर पर ज्यादा रहा है. पहले से लेकर आखिरी सीन तक सब समझ आ जाता है.

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