Earthquake: रूस के सुदूर-पूर्वी इलाके कामचटका प्रायद्वीप के पास एक बार फिर धरती कांप उठी. शुक्रवार को 7.4 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र जमीन से महज 10 किलोमीटर की गहराई में था.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के झटके लोगों को 2011 के जापान भूकंप और सुनामी की याद दिलाते हैं, जिसमें 15,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. कामचटका क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है और यहां बड़े झटके अक्सर सुनामी का कारण बनते हैं.
सुनामी का खतरा और चेतावनी
भूकंप के बाद पैसिफिक सुनामी वार्निंग सेंटर ने चेतावनी जारी की कि केंद्र से 300 किलोमीटर के दायरे में तटीय क्षेत्रों पर खतरनाक लहरें उठ सकती हैं. कुछ रूसी तटों पर एक मीटर तक ऊँची लहरें उठने की आशंका जताई गई. वहीं जापान, हवाई और प्रशांत महासागर के अन्य द्वीपों में 30 सेंटीमीटर से कम ऊँची लहरों के पहुंचने का अनुमान लगाया गया.
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा कैसे लगा सकते हैं?
- 0 से 1.9 सीज्मोग्राफ से मिलती है जानकारी
- 2 से 2.9 बहुत कम कंपन पता चलता है
- 3 से 3.9 ऐसा लगेगा कि कोई भारी वाहन पास से गुजर गया
- 4 से 4.9 घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है
- 5 से 5.9 भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है
- 6 से 6.9 इमारत का बेस दरक सकता है
- 7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं
- 8 से 8.9 सुनामी का खतरा, ज्यादा तबाही
- 9 या ज्यादा सबसे भीषण तबाही, धरती का कंपन साफ महसूस होगा
बार-बार क्यों कांप रहा है कामचटका?
कामचटका प्रायद्वीप, जो भौगोलिक रूप से “रिंग ऑफ फायर” का हिस्सा है, भूकंपीय दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है. जुलाई में यहां जो 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था, वह न सिर्फ रूस, बल्कि जापान, हवाई, और चिली तक को हिला गया था. उस समय प्रशांत महासागर में चार मीटर तक ऊंची लहरें उठी थीं और जापान में लगभग 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था.
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