MP: मध्य प्रदेश में देर रात एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव हुआ है. मोहन सरकार ने सोमवार देर रात 18 और अफसरों का तबादला किया है. जबकि दो का कद भी बढ़ा दिया है.इस तरह प्रदेश के 11 जिला पंचायत सीईओ बदले हैं. इनमें कुछ को बड़ी जिम्मेदारी दी है तो कुछ दूसरे जिलों में भेजे गए. वहीं चार एसडीएम का कद बढ़ाया है तो कुछ बड़े अफसरों का ओहदा भी बढ़ाया है. 2008 बैच के आइएएस विशेष गढ़पाले को ऊर्जा विभाग का सचिव बनाया, जबकि आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना की संचालक वंदना वैद्य को वित्त निगम इंदौर का प्रबंध संचालक बनाया है.
किसे कहां भेजा गया?
- विशेष गढ़पाले सचिव ऊर्जा विभाग
- वन्दना वैद्य एमडी वित्त निगम इंदौर
- सिंगरौली जिला पंचायत CEO गजेंद्र सिंह नागेश अब नरसिंहपुर जिला पंचायत के CEO होंगे
- गुरुप्रसाद उप सचिव मुख्यसचिव कार्यालय
- दिव्यांक सिंह अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल
- छतरपुर जिला पंचायत CEO तपस्या परिहार को कमिश्नर कटनी नगर निगम बनाया गया
- कटनी जिला पंचायत CEO शिशिर नेमावत को अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल
- सीहोर जिला पंचायत CEO डॉ नेहा जैन को डिप्टी डायरेक्टर एनव्हीडीए इंदौर बनाया गया
- मंडला जिला पंचायत CEO श्रेयांस कुमट को उज्जैन जिला पंचायत CEO बनाया गया
- अनूपपुर जिला पंचायत CEO तन्मय वशिष्ठ शर्मा को डिप्टी कलेक्टर नगर निगम भोपाल बनाया गया
- दलीप कुमार जिला पंचायत CEO नरसिंहपुर को देवास नगर निगम कमिश्नर बनाया गया
- सिवनी जिला पंचायत CEO पवार नवजीवन विजय को अपर कलेक्टर इंदौर बनाया गया
- डिंडौरी जिला पंचायत CEO अनिल कुमार राठौर को कार्यकारी संचालक औद्योगिक विकास निगम जबलपुर बनाया गया…
- सीधी जिला पंचायत CEO अंशुमान को स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क का प्रबंध संचालक बनाया गया
- अर्थ जैन को CEO स्मार्ट सिटी इंदौर बनाया गया
- अरविंद कुमार शाह डिप्टी कमिश्नर नगर निगम जबलपुर बनाए गए
- टी प्रतीक राव डिप्टी कमिश्नर नगर निगम ग्वालियर बनाए गए
- अनिशा श्रीवास्तव को कार्यकारी संचालक औद्योगिक विकास निगम ग्वालियर बनाया गया
IAS अधिकारियों का ट्रांसफर क्यों किया जाता है?
IAS अधिकारियों के ट्रांसफर की तमाम वजहें हो सकती हैं. इसमें प्रशासनिक आवश्यकता, नीतिगत निर्णय, प्रदर्शन और दक्षता, नियमित रोटेशन, राजनीतिक कारण, अनुशासनात्मक कार्रवाई या व्यक्तिगत कारण शामिल हैं. कभी-कभी राजनीतिक दबाव के कारण ट्रांसफर किए जाते हैं, तो कभी अधिकारी पर अनियमितता या भ्रष्टाचार के आरोप होने पर जांच के लिए उन्हें हटाया या स्थानांतरित किया जा सकता है.
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