गुजरात मे बेघर परिवारों को दी गई पहचान, 195 लोगों को मिली भारतीय नागरिकता

Gujarat: गुजरात में आज राजकोट में आयोजित एक कार्यक्रम में नागरिकता संशोधन अधिनियम- सीएए के तहत 185 लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई. डिप्टी सीएम हर्ष सांघवी ने इनको नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किए. ये लोग पाकिस्तान से विस्थापित होकर कच्छ, मोरबी और राजकोट ज़िलों में बस गए थे. सांघवी ने नए नागरिकता प्राप्त नागरिकों को सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और वादा किया कि उन्हें सभी संबंधित सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा. समारोह के दौरान, लाभार्थियों ने सरकार के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम में राज्य की शहरी विकास राज्यमंत्री दर्शनाबेन वाघेला भी मौजूद रहीं.

डिप्टी सीएम ने भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे

उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी ने 195 लोगों को CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के तहत भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे. इनमें 122 प्रमाणपत्र कार्यक्रम स्थल पर दिए गए, जबकि 73 लोग पहले से कलेक्टर ऑफिस में नागरिकता के लिए पंजीकृत थे.  वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए संघवी ने इमोशनल होकर लोगों का स्वागत किया और कहा, “मुस्कुराइए! अब आप सब भारत के नागरिक हैं. इतनी बड़ी संख्या में लोगों को एक साथ सिटिजनशिप मिलना किसी दूसरे राज्य में बहुत कम देखने को मिलता है.” उन्होंने कहा, “बहुत सारे लोग जो सालों पहले बहुत तकलीफों के बाद भारत आए थे, उन्होंने चुपचाप हमारे देश की तरक्की में योगदान दिया है.

बेघर परिवारों को दी गई पहचान

डिप्टी सीएम संघवी ने पड़ोसी देशों में जुल्म का सामना कर रहे माइनॉरिटीज की सुरक्षा के लिए नागरिकता नियमों में बदलाव करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि सीएए ने हजारों बेघर परिवारों को पहचान, अधिकार और गर्व के साथ अपनी जिंदगी फिर से बनाने का मौका दिया है. उन्होंने अहमदाबाद जिला प्रशासन की लगातार काम करने के लिए तारीफ की और कहा कि 2017 से यहां नागरिकता सर्टिफिकेट बहुत अच्छी कुशलता और संवेदनशीलता के साथ जारी किए जा रहे हैं.

नागरिकता के साथ नई उम्मीदें

पूरे कार्यक्रम में लोगों के चेहरों पर खुशी और राहत साफ दिखी. लंबे समय से पहचान, सुरक्षा और अवसरों की कमी झेल रहे इन परिवारों के लिए CAA के तहत मिली नागरिकता एक नया अध्याय लेकर आई है. सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी और पात्र सभी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता सुनिश्चित की जाएगी.

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