Health tips: सूर्य नमस्कार एक बेहद प्रसिद्ध और काफी प्राचीन ऐसा योग अभ्यास है, जिसे एक साथ कई सारे प्रभावशाली योगासनों जितना फायदा पहुंचाने वाला व्यायाम माना जाता है. सूर्य नमस्कार या ‘सन सैल्यूटेशन’ का नियमित तौर पर अभ्यास पूरे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद सिद्ध हो रहा है. योग के इस खास तरीके में शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य का शानदार कॉर्डिनेशन होता है.
स्क्रीन और बैठे रहने के इस दौर में शरीर अकड़ जाता है और मन भटकने लगता है. “सूर्य नमस्कार से रक्त संचार बेहतर होता है, मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलती है और शरीर की मुद्रा और रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता में सुधार होता है. यह सिर्फ शारीरिक लाभ ही नहीं देता, बल्कि तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, हार्मोन को संतुलित करता है और आंतरिक शक्ति बढ़ाता है.”
सूर्य नमस्कार के 12 आसन
- प्रणाम आसन (प्रार्थना मुद्रा): खड़े होकर शुरुआत करें, पैरों को एक साथ रखें, हथेलियों को छाती के सामने जोड़ें और कंधों को शिथिल रखें.
- हस्त उत्तानासन (ऊपर उठाए हुए हाथों का आसन): श्वास लें और थोड़ा पीछे की ओर झुकते हुए अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं.
- हस्त पदासन (हाथ से पैर मिलाने की मुद्रा): श्वास छोड़ें और कमर से आगे की ओर झुकें, हाथों से फर्श को स्पर्श करें.
- अश्व संचलन आसन (घुड़सवारी मुद्रा): श्वास लें और अपने दाहिने पैर को पीछे की ओर फैलाएं, अपने हाथों को अपने बाएं पैर के बगल में फर्श पर रखें.
- दंडासन (स्टिक पोज): सांस छोड़ते हुए अपने बाएं पैर को पीछे लाएं और उसे अपने दाहिने पैर के साथ संरेखित करते हुए प्लैंक पोजीशन में ले आएं.
- अष्टांग नमस्कार (आठ भागों या बिंदुओं से प्रणाम): अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए, अपने घुटनों, छाती और ठोड़ी को फर्श पर नीचे लाएं.
- भुजंगासन (कोबरा पोज): सांस अंदर लें और अपनी छाती को ऊपर उठाएं, अपनी पीठ को थोड़ा सा झुकाएं.
- पर्वतासन (माउंटेन पोज): सांस छोड़ें और अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं, जिससे आपके शरीर से एक उल्टा V-आकार बने.
- अश्व संचलन आसन (घुड़सवारी मुद्रा): श्वास लें और अपने दाहिने पैर को अपने हाथों के बीच आगे लाएं.
- हस्त पदासन (हाथ से पैर तक का आसन): श्वास छोड़ें और अपने बाएं पैर को आगे लाएं, अपने ऊपरी शरीर को नीचे की ओर मोड़ें.
- हस्त उत्तानासन (ऊपर उठाए हुए हाथों का आसन): श्वास लें और उठें, अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं.
- प्रणाम आसन (प्रार्थना मुद्रा): श्वास छोड़ें और हाथों को प्रार्थना मुद्रा में रखते हुए खड़े हो जाएं.
रोजाना सूर्य नमस्कार करने के 12 लाभ
1. मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत बनाता है
सूर्य नमस्कार के बारह आसन पूरे शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों पर काम करते हैं. यह अभ्यास मांसपेशियों को फैलाता है, मजबूत बनाता है और उन्हें टोन करता है, जिससे लचीलापन और रीढ़ की हड्डी का स्वास्थ्य बेहतर होता है.
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास महत्वपूर्ण आंतरिक अंगों के कार्य को बेहतर बनाता है, रक्त संचार बढ़ाता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाता है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है.
3. विषहरण में सहायक
सूर्य नमस्कार में लयबद्ध श्वास लेने की प्रक्रिया फेफड़ों को हवा प्रदान करती है और रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाती है, जिससे विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है. लसीका तंत्र का बेहतर प्रवाह विषाक्त पदार्थों को उत्सर्जन अंगों तक पहुंचाने में सहायक होता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है.
4. वजन घटाने को प्रोत्साहित करता है
सूर्य नमस्कार एक गहन शारीरिक व्यायाम है जो वजन घटाने में सहायक होता है. तेज गति से कई चक्रों का अभ्यास करने से कैलोरी बर्न होती है और चयापचय बढ़ता है, जिससे आपको वजन घटाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलती है.
5. शरीर और मन को संतुलित करता है
यह योगासन शरीर के हर अंग पर काम करके शरीर और मन के बीच सामंजस्य स्थापित करता है. यह मन और शरीर के बीच संबंध को मजबूत करता है और संतुलन एवं समन्वय को बेहतर बनाता है.
6. शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है
सूर्य नमस्कार ऊर्जा अवरोधों को दूर करता है, जिससे प्राण या जीवन शक्ति का प्रवाह स्वतंत्र रूप से होता है. इससे जीवन शक्ति, सहनशक्ति और समग्र बल में वृद्धि होती है, जिससे आप ऊर्जावान और स्फूर्तिवान महसूस करते हैं.
7. त्वचा और बालों की देखभाल में सहायक
सिर और चेहरे में रक्त संचार बेहतर होने से बालों और त्वचा को पोषण मिलता है. इससे बालों का झड़ना और सफेद होना कम होता है, बालों का विकास बढ़ता है और त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है.
8. पाचन क्रिया को उत्तेजित करता है
सूर्य नमस्कार के प्रमुख लाभों में से एक यह है कि यह पाचन अग्नि को उत्तेजित करता है. इससे पाचन क्रिया में सुधार होता है, सहनशक्ति बढ़ती है और समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है.
9. पाचन क्रिया को बढ़ावा देता है
सूर्य नमस्कार के आसन पेट की मांसपेशियों पर काम करते हैं, जिससे आंतों में रक्त प्रवाह बेहतर होता है और पाचन क्रिया में सहायता मिलती है. यह अभ्यास आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और पाचन संबंधी विकारों को रोकने में सहायक होता है.
10. तनाव और चिंता को कम करता है
सूर्य नमस्कार तंत्रिका तंत्र को संतुलित करता है, तनाव कम करता है और मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है. यह स्मृति, एकाग्रता और अंतर्ज्ञान को बेहतर बनाता है और हार्मोन को संतुलित करता है, जिससे तनाव का स्तर कम होता है.
11. मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करता है
महिलाओं के लिए, सूर्य नमस्कार मासिक धर्म चक्र को नियमित करने, मासिक धर्म के दर्द को कम करने और हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने में सहायक होता है. यह आसन ग्रंथियों को उत्तेजित करता है और हार्मोनल स्वास्थ्य में सुधार लाता है.
12. नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है
सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से विश्राम मिलता है, तनाव कम होता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है. यह अनिद्रा को दूर करने में सहायक होता है और आरामदायक नींद सुनिश्चित करता है.
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