कब है हरियाली तीज? जानें व्रत का महत्व और पूजा विधि

Hariyali teej: हिन्दू धर्म में हरियाली तीज का त्योहार बेहद भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है. जिसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है, जो हर साल सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. यह पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है. महिलाएं अपने शादीशुदा जीवन में सुख और शांति और अपने पति की लंबी उम्र पाने के लिए बहुत से व्रत करती हैं, जिसमें से हरियाली तीज भी शामिल है. इस व्रत में भगवान शिव और मां पार्वती की श्रद्धा भाव से पूजा करती हैं, जिनके आशीर्वाद स्वरूप दांपत्य जीवन में खुशहाली, मधुरता और प्रेम का आगमन होता है.

कब है हरियाली तीज 2025

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई शनिवार को रात 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और 27 जुलाई रविवार को रात 10 बजकर 41 मिनट पर ही समाप्त होगी. सूर्योदय के अनुसार हरियाली तीज का व्रत 27 जुलाई रविवार को रखा जाएगा.

पूजा विधि
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • पूजाघर को साफ करें, संभव हो तो गोबर का लेपन करें और गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें.
  • घी का दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें  निर्जला व्रत रखने का संकल्प करें (या फलाहार व्रत का).
  • सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करें और विशेष रूप से हरे रंग की साड़ी, चूड़ियां, बिंदी आदि पहनें.
  • पूजा के लिए माता की चौकी सजाएं और उस पर मिट्टी या बालू से बनी शिव-पार्वती की प्रतिमा रखें.
  • यदि मिट्टी की प्रतिमा संभव न हो, तो शिव-पार्वती की फोटो या मूर्ति से भी पूजा कर सकते हैं.
  • पूजा की शुरुआत शिव-पार्वती का आवाहन करके करें.
  • शिवजी का अभिषेक गंगाजल और पंचामृत से करें.
  • माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं जैसे काजल, चूड़ी, सिंदूर, बिंदी आदि अर्पित करें.
  • बेलपत्र, धतूरा, सुपारी, अक्षत, फूल, फल, चंदन और नैवेद्य आदि अर्पित करके पूजा पूर्ण करें.
  • इसके बाद हरियाली तीज की व्रत कथा श्रद्धा से पढ़ें.
  • पूजा के अंत में शिव-पार्वती की आरती करें और प्रार्थना करें.
  • अगले दिन मिट्टी की प्रतिमा और पूजन सामग्री को बहते जल में विसर्जित कर दें.
हरियाली तीज के पूजा का शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज की पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे शुभ माना जाता है. इसके अलावा यहां हम आपको दिन भर के शुभ मुहूर्तों के बारे में बताने जा रहे हैं. जो इस प्रकार हैं…

  • ब्रह्म मुहूर्त 04:17 AM से 04:58 AM
  • प्रातः सन्ध्या 04:37 AM से 05:40 AM
  • अभिजित मुहूर्त 12:00 PM से 12:55 PM
  • विजय मुहूर्त 02:43 PM से 03:38 PM
  • गोधूलि मुहूर्त 07:15 PM से 07:36 PM
  • सायाह्न सन्ध्या 07:15 PM से 08:18 PM
  • अमृत काल 01:56 PM से 03:34 PM
  • निशिता मुहूर्त 12:07 AM, जुलाई 28 से 12:49 AM, जुलाई 28
  • रवि योग 04:23 PM से 05:40 AM, जुलाई 28
हरियाली तीज के नियम
  • हरियाली तीज का व्रत मुख्य रूप से निर्जला रखा जाता है.
  • यदि निर्जला व्रत करना संभव न हो, तो फलाहार व्रत (फल, दूध आदि सेवन) का संकल्प भी लिया जा सकता है.
  • इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व है, जो हरियाली और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
  • श्रृंगार में हरे रंग को जरूर शामिल करें, जैसे हरे रंग की चूड़ियां, बिंदी, हरी साड़ी या अन्य आभूषण.
  • हाथों में मेंहदी लगाना अनिवार्य माना जाता है क्योंकि इससे मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
  • व्रत के दौरान पूरे दिन शांति और भक्ति बनाए रखें और मां पार्वती की पूजा विधिपूर्वक करें.
  • व्रत में अनुशासन का पालन करें और किसी भी प्रकार का गलत आचरण या विवाद से बचें.
हरियाली तीज के व्रत का महत्व

ऐसी मान्यता है कि हरियाली तीज का व्रत रखने से पति को लंबी आयु की प्राप्ति होती है साथ ही वैवाहिक जीवन में सदैव खुशियां बनी रहती हैं. साथ ही ये भी कहा जाता है कि जो कोई इस दिन सच्चे मन से माता पार्वती और शिव जी की विधि विधान पूजा करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

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