पवित्र सावन महीने की शिवरात्रि आज, जानें भगवान शिव की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त और उपासना विधि

Sawan shivratri: देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जो सावन की इस खास शिवरात्रि पर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए उत्साहित हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि सावन शिवरात्रि का व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा अर्चना करने पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. सावन शिवरात्रि की पूजा करने के बाद व्रत कथा जरूर सुननी या पढ़नी चाहिए. कहते हैं कि सावन शिवरात्रि की कथा सुनने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और पापों से मुक्ति मिलती है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, जो भक्त सावन मास में शिवरात्रि का व्रत श्रद्धा और कथा सहित करते हैं, उन्हें शिव लोक की प्राप्ति भी होती है.

सावन शिवरात्रि के जलाभिषेक के सबसे शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों के मुताबिक, शिवरात्रि का पूरा दिन भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक  के लिए विशेष है. लेकिन कुछ खास मुहूर्त हैं.

जलाभिषेक का पहला मुहूर्त- आज सुबह 4 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 4 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. 

दूसरा मुहूर्त- आज सुबह 8 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक.

सावन शिवरात्रि के पूजन मुहूर्त

शिवरात्रि पर निशिता काल और चार पहर की पूजा का विशेष महत्व होता है जिसमें भगवान शिव का पूजन किया जाता है. प्रथम पहर के पूजन का समय आज शाम 7 बजकर 26 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 6 मिनट तक रहेगा. उसके बाद दूसरे पहर का पूजन मुहूर्त आज रात 10 बजकर 6 मिनट से लेकर 24 जुलाई की रात 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. फिर, तीसरे पहर का पूजन मुहूर्त 24 जुलाई की रात 12 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगा और चौथा पहर का पूजन मुहूर्त 24 जुलाई को सुबह 3 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगा.

सावन शिवरात्रि पूजन विधि

सावन शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें और साफ-सफाई से तैयार होकर शिव मंदिर जाएं. इसके अलावा, इस दिन भगवान शिव के नाम का उपवास रखा जाता है. जिसमें फल, दूध या पानी का सेवन किया जाता है और रोटी, नमक आदि से परहेज किया जाता है. पूरे दिन भक्ति भाव से मंत्र का स्मरण और पूजा-आराधना की जाती है

साथ ही, इस पावन दिन पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, जल, दूध आदि वस्तुएं शिवलिंग पर चढ़ाई जाती हैं. यह दिन अपने मन को शुद्ध करने और भगवान शिव से आशीर्वाद पाने का सबसे अच्छा मौका होता है. सावन शिवरात्रि न केवल खुद को आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाने का अवसर है, बल्कि खुशियों, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति का शुभ दिन भी है.

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