वाराणसी। गंगाजल में कोरोना वायरस की जांच के लिए भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान ने जांच शुरू कर दी है। लखनऊ स्थित आईआईटीआर ने कैथी से गंगा का सैंपल लिया है और दो सप्ताह में इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। बनारस के अलावा टीम ने गाजीपुर, मीरजापुर और बलिया से तीन प्रदूषक तत्वों को केंद्र में रखकर गंगा जल के सैंपल जुटाए हैं। वैज्ञानिकों की टीम लखनऊ में जांच-परख के लिए जुट गई है। लखनऊ से आई वैज्ञानिकों की टीम ने बनारस कैथी से गंगा का सैंपल लिया है। आईआईटीआर के निदेशक प्रो. एस के बारिक ने फोन पर बताया कि गंगाजल में फिजियो केमिकल, माइक्रोबॉयोलॉजिकल और कोविड वायरस के खतरे की गणना कर रिपोर्ट नमामि गंगे कार्यालय को दो सप्ताह के अंदर सौंप दी जाएगी। इस जांच के अंतर्गत मूल रूप से यह देखा जाएगा कि गंगा में वायरस या अन्य हानिकारक सूक्ष्मतम जीवों के जीवित रहने की कितनी संभावनाएं हैं। नमामि गंगा के प्रवक्ता नीरज गहलावत ने कहा कि गंगाजल के संपूर्ण सेहत की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा। जांच की जिम्मेदारी संस्थान को दी गई है। क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि नमामि गंगे और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की पहल पर जांच की जा रही है। बनारस के कैथी, मीरजापुर के चुनार, गाजीपुर में ताड़ी घाट और बलिया के नया पुल क्षेत्र से सैंपल जुटाया गया है