प्रयागराज पहुंची गंगा परिक्रमा यात्रा…

प्रयागराज। गोमुख से गंगा सागर तक की मुंडमाल गंगा परिक्रमा यात्रा मंगलवार को प्रयागराज पहुंच गई। इस दौरान हर 10-15 किमी पर प्रदूषण की जांच के लिए नमूने लिए गए। रास्ते भर गंगा में गिरने वाले नालों को चिह्नित किया गया। फिलहाल दोपहर बाद पहुंची इस यात्रा ने रात को फाफामऊ में पड़ाव ले लिया है। इस अभियान के दौरान दौरान गंगा की कुल 5900 किमी पदयात्रा पूरी की गई है। कहा जा रहा है कि यह अब तक की गंगा की सबसे बड़ी पदयात्रा है। बुधवार को यह यात्रा समुद्र कूप पहुंचेगी। वहां मां गंगा का सविधि पूजन होगा। मंगल कामना के लिए महाआरती के साथ दीपदान भी किया जाएगा। गंगा की अविरता-निर्मलता के लिए इस यात्रा अभियान को लगातार 11 वर्ष तक चलाने का संकल्प लिया गया है। अतुल्य गंगा के संस्थापक पूर्व सैन्य अधिकारी गोपाल शर्मा, लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहमी, कर्नल मनोज केश्वर की ओर से मां गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए इस यात्रा की शुरुआत छह महीने पहले 15 दिसंबर 2020 को संगम तट से की गई थी। इस यात्रा के दौरान अतुल्य गंगा टीम की ओर से हर 10.15 किलोमीटर पर गंगा जल के प्रदूषण की जांच के लिए 12 पैरामीटर के तहत नमूने लिए गए। साथ ही गंगा मे गिरने वाले नालों को भी चिह्नित किया गया। इस यात्रा के साथ गंगा के किनारों पर हरित पट्टी के विकास के लिए वृक्षमाल अभियान भी चलाया गया। इस अभियान के तहत गंगा के तटों पर पौधे भी रोपे गए। वृक्षमाल अभियान ग्रीन इंडिया फाउंडेशन के विजय शुक्ला और कालेश्वर मिश्रा के नेतृत्व चलाया गया। यात्रा से जुड़े अभय मिश्र ने बताया कि गंगा तटों पर रोपे गए पौधों की हिफाजत के लिए संबंधित गांवों और बस्तियों के लोगों की जिम्मेदारी भी तय की गई है, ताकि उन पौधों को बचाया जा सके। इस अभियान के दौरान करीब 35 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं और 47000 पौधे वृक्ष प्रेमियों को बांटे गए हैं। इस अभियान के दौरान 76000 विद्यार्थियों और गंगा तट वासियों को ग्रीन इंडिया फाउंडेशन की टीम ने पौधे लगाने, अपनी सांसें खुद उपजाने का संदेश भी दिया। 

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