गोरखपुर। महराजगंज जिले के फरेंदा तहसील के भारी-बैसी गांव में गिद्धों के संरक्षण और प्रजनन के लिए बनाए जा रहे केंद्र में इस साल नवंबर में गिद्धों का पहला जोड़ा आ जाएगा। पांच एकड़ में बन रहे ‘जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। वन विभाग का दावा है कि केंद्र को बनने में तीन साल लगेंगे। निर्माण के दौरान ही केंद्र में गिद्धों के सुरक्षित प्रजनन की तैयारी कराई जाएगी। गिद्ध प्रजनन केंद्र का निर्माण वनारोपण निधि प्रबंधन व योजना प्राधिकरण (कैंपा) के तहत कराया जा रहा है। केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद अक्टूबर में 80 लाख रुपये मिलने की उम्मीद है। इस केंद्र के निर्माण पर कुल 1.60 करोड़ रूपये खर्च किए जाने हैं। इसे हरियाणा के पिंजौर में स्थापित जटायु संरक्षण व प्रजनन केंद्र की तर्ज पर बनाया जा रहा है। गिद्धों की घटती आबादी बढ़ाने और उनके संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने इस केंद्र को बनाने का फैसला लिया था। निर्माण के बाद केंद्र में गिद्धों के नौ जोड़े रखे जाएंगे। इसके अलावा आसपास के गद्धिों के लिए भी सुरक्षित ठिकाना बनेगा।