लखनऊ। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए यूपीडा के नाम हुए भूमि के सभी बैनामों की जांच कराई जाएगी। साढ़े चार साल पहले हुई रजिस्ट्री में रकबा अधिक होने से किसानों के खाते में करीब 38 लाख रुपया अधिक भेजे जाने का मामला पकड़ में आने पर एसडीएम ने निर्देशित किया है। रजिस्ट्री के यूपीडा के पक्ष दाखिल खारिज में तहसीलदार कोर्ट पर अभिलेखों में छेड़छाड़ कर किसानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश के आरोपी लेखपाल को निलंबित कर कोतवाली में संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इस निर्णय से पूर्वांचल भूमि अधिग्रहण से जुड़े लेखपालो व बिचौलियों में हड़कंप है। मंगलवार को एसडीएम हैदरगढ़ शालिनी प्रभाकर ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भूमि अधिग्रण के लिए किसानों से लिए गए सभी रजिस्टर्ड बैनामों की जांच के निर्देश दिए हैं। जिले में करीब 40 किमी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए 36 गांवो की पांच सौ हेक्टेयर सरकारी व निजी भूमि अधिग्रहीत की गई है। अधिग्रहण के लिए यूपीडा ने राजस्वकर्मियों के माध्यम से किसानों से 1965 बैनामों की रजिस्ट्री उपनिबंधक कार्यालय में कराई। भूमि की रजिस्ट्री के दौरान कई जगह से धांधली की शिकायत होने पर राजस्व कर्मीययों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगते रहे हैं। लेकिन तीन दिन पहले जरौली गांव के भूखंड गाटा 48 व गाटा 28 के दाखिल खारिज आदेश के अमलदरामद के दौरान पकड़ में आए मामले से अधिग्रहण प्रक्रिया पर सवालिया निशाना लगने लगे हैं । दोनों नम्बरो की रजिस्ट्री में 308 एयरी भूमि अधिक दर्ज हो गई जिससे दो किसानों के खाते में 37 लाख 22 हजार व चार किसानों के खाते मे 67 हजार रुपए अधिक भेज दिए गए और साढ़े चार साल किसी को पता भी नहीं चला। ऑनलाइन अमलदरामद के दौरान मामला पकड़ में आने पर एसडीएम ने लेखपाल को रजनी तिवारी को तत्काल निलम्बित कर दिया तथा इनके विरुद्ध कोतवाली में गंभीर आपराधिक धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। एसडीएम शालिनी प्रभाकर ने बताया कि पूर्वांचल भूमि अधिग्रहण में शामिल राजस्वकर्मियों से अलग कर्मचारियों की टीम तहसीलदार की अगुवाई में गठित की जा रही है जो तय समय मे जांच करके रिपोर्ट देगी।