लखनऊ।। गोवंशों को संरक्षित करने के लिए संचालित वृहद व अस्थाई आश्रय केंद्रों को सुविधा व संसाधन मुहैया करने की कोशिश जिले में तेज हो गई है। बरसात में गोवंशों को परेशानी नहीं हो इसके लिए अपर निदेशक पशुपालन ने मंगलवार को वृहद गो आश्रय केंद्र सरैया दुबान का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गोवंशों के टीकाकरण, भूसा, छांव व पेयजल व्यवस्था समेत अन्य सुविधाओं का सत्यापन किया। निराश्रित गोवंशों को संरक्षित करने के लिए पशुपालन विभाग तीन कांजी हाउस, नेवादा किशुनगढ़ व सरैया दुबान में वृहद गो संरक्षण केंद्र व 40 अस्थाई गो-आश्रय केंद्र का संचालन कर रहा है। संचालित गो-आश्रय केंद्र में वर्तमान में पशुपालन विभाग ने 3,628 गोवंशों को संरक्षित कर रखा है। बरसात के दिनों में संरक्षित गोवंशों को सुरक्षित रखने के लिए अपर निदेशक पशुपालन डॉ. एसके सिंह ने मंगलवार को सीबीओ डॉ. जेपी सिंह ने अमेठी के सरैया दुबान स्थित वृहद गो-आश्रय केंद्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान परिसर की साफ-सफाई व अन्य मिली कमियों से नाराज सीवीओ ने जिम्मेदारों को जमकर फटकार लगाई। अपर निदेशक ने आश्रय केंद्र में मौजूद भूसे का स्टॉक, सबमसबल, हरे चारे का प्रबंध, छांव व चूनी चोकर तथा गोवंशों के टीकाकरण का सत्यापन किया। निरीक्षण के बाद पशु चिकित्सकों को संरक्षित गोवंशों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण तो पंचायत सचिव को भूसे के स्टॉक के साथ हरा चारा व गोवंशों की सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। अपर निदेशक ने ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व पशु चिकित्साधिकारी को आश्रय केंद्र की क्षमता बढ़ाते हुए क्षेत्र में निराश्रित टहल रहे गो-वंशों को संरक्षित कर उनकी ईयर टैगिंग करने तथा बेसहारा गोवंश छोडने वालों को चिन्हित कर सूचना देने को कहा। अपर निदेशक पशुपालन ने सुविधा व उपचार के अभाव में संरक्षित गोवंशों की मौत होने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की चेतावनी दी।