वाराणसी। स्मार्ट सिटी योजना में शहर के पांच तालाबों का कायाकल्प किया जाएगा। इनमें पांडेयपुर, चकरा, सोनभद्र, चितईपुर और नदेसर तालाब शामिल हैं। इन पर 15.40 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अब तक 40 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। बाकी का काम इस साल पूरा हो जाएगा। शहर की पहचान बनाए रखने के लिए तालाबों को सुंदरीकरण करने की योजना है। इन्हें पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। तालाबों पर तीर्थाटन के साथ ही सैर सपाटे का भी इंतजाम किया जाएगा। इनकी देखरेख और गतिविधियों के संयोजन-संचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को दी जाएगी। इससे तालाब संरक्षित तो होंगे ही नगर निगम की आय का स्रोत भी बनेंगे। योजना अनुसार इन तालाबों के आसपास दुकानें खुलेंगी और उनसे राजस्व वसूल कर नगर निगम निधि में जमा किया जाएगा। इनके बेहतर परिणाम मिलने पर अन्य तालाबों को भी सुंदर बनाया जाएगा। तालाबों को आकर्षक व बेहतर ढंग से विकसित करने पर यहां पर्यटकों का जमावड़ा बढ़ेगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बड़े तालाबों के किनारे बैठने के लिए बेंच के साथ ही वहां हेरिटेज लाइट लगाई जाएगी। टहलने के लिए पाथवे, बच्चों के खेलने के लिए पार्क, पानी में बोटिंग और लेजर-लाइट शो की भी सुविधा मिलेगी। पांडेयपुर तालाब को अंग्रेजी के 8 अक्षर के रूप में विकसित किया जाएगा। तालाब किनारे लाइट एंड साउंड सिस्टम के अलावा आईलैंड बनेगा। स्मार्ट सिटी से पांच तालाबों को विकसित किया जा रहा है। तालाबों के आसपास दुकानें खोली जाएंगी। यहां पूजन-अर्चन के सामान और बनारसी खानपान के स्मार्ट ठेले और खोमचे लगेंगे।