लखनऊ। मुंबई से दो विस्टाडोम कोच जल्द ही लखनऊ लाए जाएंगे। इन कोचों को पूर्वोत्तर रेलवे की मैलानी-नानपारा मीटरगेज पर दौड़ाया जाएगा। इन पारदर्शी कोचों में बैठकर पर्यटक दुधवा के जंगलों की खूबसूरती को और करीब से महसूस कर सकेंगे। आम बजट में लखनऊ को पहले चरण में दो विस्टाडोम कोच आवंटित किए गए थे। ये कोच पश्चिमी रेलवे में तैयार हुए हैं और जल्द ही ये पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के हवाले कर दिए जाएंगे। इन्हें उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे को अप्रैल से पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इस्तेमाल करना था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते इसमें देरी हो गई। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की डीआरएम डॉ. मोनिका अग्निहोत्री ने बताया कि विस्टाडोम कोच में पारदर्शी शीशे की छत और बड़ी कांच की खिड़की होती है। इनसे बाहर के खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के मैलानी-नानपारा मीटरगेज (छोटी लाइन) सेक्शन पर पहली बार पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। विस्टाडोम कोच आम बोगियों से बिलकुल अलग होते हैं। इसके एक कोच में 40 पर्यटकों के बैठने केलिए चेयरकार होती हैं। बारिश के समय में जब यात्री विस्टाडोम से यात्रा करेंगे तो यह अलग तरह का अनुभव होगा। बोगी केअंदर यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। वहीं किराए को लेकर अभी माथापच्ची चल रही है। हालांकि इसे कम ही रखने की योजना है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक विस्टाडोम कोचों को मीटरगेज लाइन पर चलाया जाना है। पहले लखनऊ मैलानी रूट मीटरगेज थी, पर अब इसे आरवीएनएल की ओर से ब्रॉडगेज कर दिया गया है। ऐसे में विस्टाडोम बोगियों को सड़क मार्ग के जरिए ही ट्रकों से लखनऊ से मैलानी रेलखंड तक पहुंचाया जा सकेगा। हालांकि, विस्टाडोम को रेलवे ट्रैक तक पहुंचाने को लेकर अधिकारी मंथन कर रहे हैं।