आठ सौ मीटर सीवर लाइन डालने में लगे आठ साल, जांच के लिए गठित हुई टीम

वाराणसी। विकास परियोजनाओं की रफ्तार सुस्त होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सिगरा-महमूरगंज मार्ग पर सीवर लाइन डालने के मामले में अनियमितताएं बरती गईं। आठ सौ मीटर सीवर लाइन डालने में आठ साल लग गए हैं। इसकी जांच के लिए शासन से चार सदस्यीय टेक्निकल एंड आडिट कमेटी (टीएसी) गठित कर दी गई, जो मामले की जांच करेगी और एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। प्रबंध निदेशक अनिल कुमार की ओर से इस आदेश का पत्र जारी किया गया है। इस मामले को सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने विधान परिषद की अंकुश समिति की बैठक में 16 मार्च को उठाया था। अपर मुख्य सचिव नगर विकास को निर्देशित किया गया था कि समिति की अगली बैठक में इस मामले की जांच रिपोर्ट पेश की जाए।सपा एमएलसी ने जानकारी दी थी कि 800 मीटर लंबी सिगरा-महमूरगंज सीवर पाइप डालने में आठ साल क्यों लगे। प्रति 100 मीटर पाइप लाइन बिछाने में 100.25 लाख रुपये खर्च कर (एक मीटर पर 1.25 लाख) लापरवाही व मनमानी की गई। 800 मीटर सीवर पाइप लाइन बिछाने में 10 करोड़ रुपये क्यों खर्च हो गए। 13वें वित्त आयोग की ओर से प्रथम चरण में जेएनएनयूआरएम के तहत जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से वर्ष 2012-13 में शुरू की गई। योजना को अमृत योजना के अंतर्गत वर्ष 2020 में किसी तरह पूरा किया गया। कमेटी में अधीक्षण अभियंता टीएसी संजय कुमार जैन, अधिशासी अभियंता शिकायत राजेश कुमार, कार्यकारी अधिशासी अभियंता टीएसी मोहम्मद सुलेमान खान तथा लेखाकार व कार्यकारी सहायक लेखाधिकारी शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *