अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर की नींव के लिए खोदे गए करीब 50 फीट गहरे गड्ढे को 11 फीट ऊपर तक भरा जा चुका है। नींव के गड्ढे को आरसीसी प्रणाली से भरा जा रहा है। इसके लिए 12 इंच की लेयर डालकर उसे रोलर के जरिए कंपैक्ट किया जाता है। राममंदिर की नींव कुल 44 लेयर में भरी जानी है, जिसमें से अभी तक 14 लेयर डाली जा चुकी है। नींव भराई का काम पूरा होने के बाद ग्रेनाइट और मिर्जापुर के पत्थरों को मिलाकर फाउंडेशन तैयार किया जाएगा।
राममंदिर के गर्भगृह को आकार देने के लिए एक मजबूत चट्टान तैयार की जा रही है। इसके लिए 400 फीट लंबा, 300 फीट चौड़ा, 45 से 50 फीट गहरा क्षेत्र तैयार किया गया है। इसका मलबा वहां से हटा दिया गया है। अब गिट्टी, पत्थरों का चूरा, कोयले की राख और सीमेंट आदि से इंजीनियरों के निर्देशन में यह गड्ढे भरे जा रहे हैं। ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र बताते हैं कि नींव की कुल 14 लेयर तैयार हो चुकी है। अब तक 11 फीट तक नींव की भराई पूरी की जा चुकी है। 44 लेयर में नींव भरी जानी है, अभी 30 और लेयर डाली जाएगी। लेयर डालने के बाद करीब 50 फीट गहरे क्षेत्र में एक ठोस चट्टान बनकर तैयार होगी। उस चट्टान के ऊपर फर्श को ऊंचा करने का काम होगा। ग्रेनाइट और मिर्जापुर के बलुआ पत्थरों को मिलकर फर्श को ऊपर उठाया जाएगा। करीब 16 फीट ऊंचे इसी मजबूत चट्टान पर गर्भगृह आकार लेगा। अक्तूबर माह के अंत तक नींव भराई का काम पूरा हो जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अब देश भर के संत-धर्माचार्यों को राममंदिर निर्माण की प्रगति से अवगत कराने की योजना बना रहा है। संघ के निर्देश पर ट्रस्ट ने यह योजना बनाई है। इसी योजना के तहत विगत दिनों रामनगरी अयोध्या के संत-धर्माचार्यों को राममंदिर निर्माण का दर्शन कराया गया। बारी-बारी से संतों को समूह में ले जाकर राममंदिर निर्माण की प्रगति ट्रस्ट द्वारा दिखाई गई है। साथ ही उन्हें राममंदिर निर्माण की पूरी प्रक्रिया से भी अवगत कराया जा रहा है। अयोध्या के संतों के बाद अब देश के अन्य राज्यों के संतों को अयोध्या आने का आमंत्रण भेजा रहा है। इसके पीछे संतों को मंदिर निर्माण की प्रगति से अवगत कराने का मकसद है।