प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को पीसीएस-2018 के तहत प्रधानाचार्य पद का रिजल्ट संशोधित करना पड़ेगा। परिणाम संशोधन के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से जारी आदेश के विरुद्ध यूपीपीएससी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। पीसीएस 2018 के तहत प्रधानाचार्य के 83 पदों पर भर्ती की गई थी। प्रतियोगी छात्रों ने भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिसमें कोर्ट की सिंगल बेंच ने 19 फरवरी 2021 को परीक्षा परिणाम संशोधित करने का आदेश दिया था। इसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने उच्च न्यायालय में विशेष अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने पांच जुलाई को आयोग की अपील खारिज कर दी थी। इस बीच प्रतियोगी राकेश चंद पांडेय ने अवमानना याचिका दाखिल कर दी थी। अवमाना याचिका पर सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई थी। इससे पहले आयोग ने 13 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दाखिल कर दी। वहीं प्रतियोगी छात्रों ने 12 जुलाई को ही कैविएट दाखिल कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए 15 जुलाई को आयोग की ओर से दाखिल एसएलपी को खारिज कर दिया। आयोग के सामने अब कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में आयोग को प्रधानाचार्य पद का परिणाम संशोधित करना होगा।