प्रयागराज। यूजीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में संयुक्त प्रवेश नहीं कराई जाएगी। इस आधार पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) प्रशासन ने नए सिरे से प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। सोमवार को हुई प्रवेश प्रकोष्ठ की कोर कमेटी की बैठक में तय हुआ कि अब प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के साथ स्नातक एवं परास्नातक के नियमित पाठ्यक्रमों के ब्रोशर भी तैयार किए जाएं। अगस्त के पहले हफ्ते में एजेंसी फाइनल हो सकती है, जिसके बाद आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। इविवि प्रशासन ने पहले बीएएलएलबी, एलएलबी, आईपीएसस के सभी प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों, एमबीए, एमबीएआरडी एवं अन्य प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया था। संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर कोई निर्णय न होने के कारण स्नातक एवं परास्नातक के नियमित पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया फंसी हुई थी। यूजीसी ने रविवार को ट्वीट के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया कि सत्र 2021-22 में संयुक्त प्रवेश परीक्षा नहीं होगी। सभी विश्वविद्यालय अपने स्तर से पूर्व की भांति प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसी आधार पर सोमवार को इविवि प्रवेश प्रकोष्ठ की बैठक में तय हुआ कि अब सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की जाएगी। हालांकि एजेंसी चयन के लिए इविवि प्रशासन की ओर से 16 जुलाई को ही टेंडर जारी किया जा चुका है। यह टेंडर 21 दिन बाद फाइनल कर दिया जाएगा। यानी छह अगस्त के आसपास एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा और इसके बाद प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। आवेदन के लिए भी न्यूनतम 21 दिनों का समय दिया जाएगा। ऐसे में प्रवेश परीक्षा सितंबर में कराई जा सकती है। हालांकि उस वक्त कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो प्रवेश प्रक्रिया भी प्रभावित होगी। इविवि प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. आईआर सिद्दीकी का कहना है कि यूजीसी का पत्र आने के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने में ज्यादा देर न हो, इसलिए अभी यूजीसी के ट्वीट से मिली जानकारी के आधार पर ही कोर कमेटी की बैठक बुलाकर तैयारी शुरू की गई है। सभी पाठ्यक्रमों के ब्रोशर तैयार किए जा रहे हैं।