प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को वाहनों के सायलेंसर में तब्दीली कर तेज आवाज मामले का स्वयं संज्ञान लेकर वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को सख्ती से रोकने का आदेश संबंधित अफसरों को दिया है। कोर्ट ने परिवहन व गृह विभाग के प्रमुख सचिवों, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) के चेयरमैन समेत पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) यातायात लखनऊ से 10 अगस्त को कृत कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है। न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने यह अहम आदेश खुद संज्ञान लेकर ‘मॉडीफाइड सायलेंसर से ध्वनि प्रदूषण’ शीर्षक से जनहित याचिका कायम करने के निर्देश देकर इस पर पारित किया। अदालत ने राज्य प्राधिकारियों को आदेश दिया कि मामले पर गौर करके कानून के मुताबिक सायलेंसरों में तब्दीली कर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कारवाई करें। कोर्ट ने प्रदेश के परिवहन व गृह विभाग के प्रमुख सचिवों, डीजीपी, एसपीसीबी के चेयरमैन सहित डीसीपी यातायात, लखनऊ को याचिका में पक्षकार बनाए जाने के निर्देश देकर उन्हें इस आदेश की कॉपी भेजे जाने को कहा है। कोर्ट ने इन अफसरों को निर्देश दिया कि 10 अगस्त को वे अपने निजी हलफनामों पर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने मोटर वाहन कानून के प्रावधानों व नियमों के हवाले से कहा कि दुपहिया या अन्य वाहनों के सायलेंसरों में तब्दीली कर कानफोड़ू आवाज का प्रदूषण पैदा कर आम लोगों को असुविधा में डालना गंभीर सरोकार का मामला है। जिसको शुरूआती स्तर पर ही गौर कर संबंधित प्राधिकारियों द्वारा निपटाया जाना चाहिए था। जब प्राधिकारियों ने इस पर गौर नहीं किया तो कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने उक्त सख्त आदेश देकर याचिका को 10 अगस्त को जनहित याचिका से संबंधित बेंच के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है।