वाराणसी। वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र अब स्लेट (स्ट्रैटेजनिक लर्निंग ऐप्लिकेशन फॉर ट्रांसफार्मेटिव एजुकेशन) पर पढ़ाई करेंगे। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय के बीच बुधवार को हुए शैक्षिक समझौते के बाद ऑनलाइन शिक्षा का नया मार्ग प्रशस्त हो गया। नई शिक्षा नीति के अनुसार शैक्षिक गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए तैयार किया गया ऐप आसानी से छात्रों के लिए उपलब्ध होगा। बुधवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी और लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। शैक्षिक समझौते के बाद संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को तीन साल तक स्लेट एप के जरिए ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधा मिलेगी। स्लेट के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रशिक्षित आचार्य आएंगे। कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि ऑनलाइन शैक्षिक समझौते से डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और ई शिक्षा का सपना साकार होगा। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को जुड़ने के लिये संख्या की कोई सीमा निश्चित नहीं है। इस दौरान सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरिबहादुर श्रीवास्तव तथा पं दीनदयाल उपाध्याय के कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह उपस्थित थे।