गोरखपुर। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण का गोरखपुर मॉडल यूपी के 17 जिलों में अव्वल आया है। इसे नगर निगम सहित 19 विभागों ने मिलकर बनाया है। अब इस पर काम करके प्रदूषण का स्तर कम किया जा रहा है। धूल की मात्रा कम करने के लिए ही नगर निगम को 40 किलोमीटर लंबी सड़कें बनानी हैं, जो अभी कच्ची हैं। धूल का प्रमुख कारण बनती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक गोरखपुर सहित यूपी के 17 जिलों में हवा की गुणवत्ता सामान्य से खराब पाई गई थी। इसे लेकर ही डीएम के. विजयेंद्र पांडियन की अगुवाई में सरकारी विभागों की एक टीम गठित की गई थी। इसका नोडल अधिकारी वन विभागों को नामित किया गया था। डीएफओ अविनाश कुमार ने बताया कि सभी विभागों ने मिलकर हवा की गुणवत्ता सुधारने, प्रदूषण के कारणों को पहचानने व उसे नियंत्रित करने के सुझाव दिए हैं। इसे प्रदेश स्तर पर पसंद किया गया है। जल्द ही इसी सुझाव पर दूसरे जिलों में भी काम होगा।